
बेहद सतर्क रहने की है जरूरतयदि आप दिल्ली-एनसीआर में की हाइराइज सोसायटीज में रहते हैं और घर में छोटा बच्चा है तो आपको अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इसकी वजह है कि आपकी छोटी सी लापरवाही या अनदेखी आपके नौनिहालों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में घर में यदि कोई छोटा बच्चा है तो उसी थोड़ी सी देर के लिए भी अकेला ना छोड़ें। खासकर उस समय तब कि जब बच्चा बालकनी में खेल रहा हो। बच्चे अक्सर खेल-खेल में बालकनी की ग्रिल या रेलिंग पर चढ़ जाते हैं। ऐसे में संतुलन बिगड़ने पर उनके नीचे गिरने की आशंका बनी रहती है।
फ्लैट के दरवाजे का रखे हमेशा ध्यानयदि घर में छोटा बच्चा है तो हमेशा ध्यान रखें कि फ्लैट का दरवाजा खुला ना छूट जाए। यदि आप कोई कुरियर या कोई सामान लेने बाहर निकलते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि घर का दरवाजा अच्छी तरह से बंद हो। पिछले साल ग्रेटर नोएडा की कासा ग्रीन सोसायटी में फ्लैट का दरवाजा खुला रहने के बाद 11 महीने का मासूम खेलते हुए बाहर निकल गया था। इस दौरान वह सीढ़ियों पर बनी ग्रिल के बीच में फंस गया। निकालने के प्रयास में बच्चा गिर गया और उसकी जान चली गई थी। इसके अलावा यदि बच्चों के साथ कभी सीढ़ी के रास्ते ऊपर जाने या नीचे आने के समय भी अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चा अचानक हाथ छुड़ा कर भागने की कोशिश कर सकता है। ऐसे में सीढ़ियों से फिसलकर भी बच्चा नीचे गिर सकता है या कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं।
बालकनी से गिरने पर सिर में गंभीर चोट
डॉक्टरों का कहना है कि बालकनी से गिरने पर बच्चों के सिर में गंभीर चोट पहुंचती है। ऐसे में घर जितना अधिक ऊंचा होता हो चोट उतनी ही अधिक गंभीर होती है। इस कारण इलाज के बाद भी कई बार बच्चे की जान बचा पाना कठिन हो जाता है। हालांकि, इस तरह की घटनाओं को थोड़ी सी सावधानी बरतकर रोका जा सकता है।
रेलिंग को सुरक्षित बनाने के अपनाएं ये तरीके
- छज्जे की ग्रिल या रेलिंग पर जाल लगाएं
- यदि जरूरी हो तो रेलिंग की ऊंचाई को बढाएं
- बालकनी में रेलिंग के साथ फर्नीचर ना रखें फर्नीचर को रेलिंग में न रखें
- बच्चों को बालकनी में ना खेलने दें
- संभव हो कि बच्चे पर हर समय निगरानी बनाए रखें.
- नौनिहालों की सुरक्षा के लिए संभव हो ते हमेशा बालकनी के दरवाजे बंद रखें
1. शाहबेरी में 5 साल के बच्चे की गई जान
इस साल जनवरी में नोएडा के शाहबेरी में घर की बालकनी से गिरने से 5 साल के मासूम की मौत हो गई थी। मामला बिसरख थाना क्षेत्र का था। हादसे से पहले शिवम नाम का बच्चा अपने घर की बालकनी में खेल रहा था। उसी दौरान वह नीचे गिर गया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल में एडमिट कराया। वहां, इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
2. 16वीं मंजिल से गिरकर हो गई थी मौत
इस साल फरवरी में नोएडा के सेक्टर 74 स्थित एक सोसायटी में 16वीं मंजिल से गिरकर 11 साल की छात्रा मौत हो गई थी। हादसे के बाद परिजन बच्ची को लेकर नजदीक के अस्पताल में पहुंचे थे। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद बच्ची का परिवार पूरी तरह से सदमे में था। पुलिस ने बास्केटबॉल खेलने के दौरान भी बच्ची के नीचे गिरने का अंदेशा जताया था।
3.तीसरी मंजिल से गिरकर 9 साल की मासूम की मौत
इस साल जुलाई में नोएडा के ममूरा में नौ साल की बच्ची की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी। परिवार के साथ सेक्टर-66 स्थित मामूरा की गली नंबर-5 में रहता था। बच्ची को पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया था।
4. कुत्तों ने 7 महीने के मासूम को नोंचा, मौत
इस साल अक्टूबर में नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलवर्ड सोसायटी में आवारा कुत्तों के हमले में एक बच्चे की मौत हो गई थी। कुत्ते के काटने के बाद बच्चे को अस्पताल में एडमिट कराया गया था। कुत्तों ने बच्चे पर हमला कर उसे बुरी तरह से नोंच डाला था। कुत्ते के हमले की वजह से बच्चे की आंत भी बाहर आ गई थी। बच्चे के माता-पिता सड़क निर्माण में मजदूरी करते थे। हादसे के समय उन्होंने बच्चे को सड़क किनारे लेटाया हुआ था।
5. 10वीं मंजिल से गिरा था 3 साल का मासूम, मौत
पिछले साल नवंबर में नोएडा के सेक्टर 75 की हाउसिंग सोसायटी में 3 साल के बच्चे की 10वी मंजिल से गिरने से मौत हो गई थी। हादसे के समय बच्चा अपने घर की बालकनी में खेल रहा था। उस समय बच्चे की मां घर में काम कर रही थी। बच्ची की मां कुरियर लेने घर के बाहर गई थी। जब वह सामान लेकर अंदर आई तो बच्चा वहां नहीं था। जब उसने बालकनी से नीचे देखा तो बच्चा मुंह के बल नीचे खून से लथपथ पड़ा था।