
गडकरी ने कहा, ‘मैंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मार्गदर्शन में एक फाइल पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत सरकार के सभी 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में बदल दिया जाएगा। मैंने भारत सरकार की इस नीति को सभी राज्यों को भेज दिया है। उन्हें भी राज्यों के स्तर पर इसे अपनाना चाहिए।’ गडकरी ने कहा कि पानीपत में इंडियन ऑयल के दो संयंत्र लगभग शुरू हो गए हैं, जिनमें से एक प्रतिदिन एक लाख लीटर एथनॉल का उत्पादन करेगा, जबकि दूसरा संयंत्र चावल के भूसे का उपयोग करके प्रतिदिन 150 टन बायो-बिटुमेन का निर्माण करेगा।
दूर होगी पराली जलाने की समस्या
केंद्रीय मंत्री कहा कि यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और चावल उपजाने वाले राज्यों में एक बड़ा बदलाव है, जहां चावल की पराली जलाने से प्रदूषण होता है। अब चावल के भूसे का इस्तेमाल इथेनॉल और बायो बिटुमेन बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से पराली जलाने की समस्या में कमी आएगी।हमें देश में और ज्यादातर सड़क परिवहन विभाग में 80 लाख टन बायो-बिटुमेन की जरूरत है। देश में लगभग 50 लाख टन बिटुमेन का निर्माण होता है और हम इसका लगभग 25 लाख टन आयात करते हैं।
गडकरी ने असम में इंडियन ऑयल की एक और परियोजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वहां बायोएथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। बंजर भूमि पर बांस की खेती की जाएगी, जिससे बायोएथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा। हमारे किसान न सिर्फ अन्नदाता बने रहेंगे, बल्कि वे ऊर्जा प्रदाता भी बनेंगे। इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य अतिथि थे। उन्होंने गडकरी के प्रयासों की तारीफ की।