50 रुपए लीटर का दाम नहीं तो दूध नहीं, जमाएंगे दही, बनाएंगे घी… दूधियों की हड़ताल जारी

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के दूधियों ने रविवार को चिंताहरण मंदिर पर दूध के दाम बढ़ाए जाने को लेकर अंतिम बैठक कर हड़ताल पर सहमती जताई है. दूधियों ने दाम नहीं तो दूध नहीं के नारे के साथ सोमवार से हड़ताल की घोषणा कर दी है. दूधियों की हड़ताल के साथ ही अब शहर में दूध की सप्लाई बंद हो जाएगी.जानकारी के अनुसार शिवपुरी के दूधिया संघ ने रविवार की दोपहर चिंताहरण मंदिर पर दूधियों के साथ बैठकर बैठक की. इस बैठक में दूध के दाम बढ़ाने पर चर्चा हुई. बैठक में डेयरी संचालकों द्वारा दूध के दाम न बढ़ाए जाने के चलते सैंकड़ों दूधियों ने एक स्वर में इस बात पर सहमती जताई कि सोमवार से एक भी दूधिया शहर में दूध की सप्लाई नहीं करेगा.
दूधिया संघ के अध्यक्ष कोक सिंह गुर्जर, मुकेश गुर्जर सहित सुरेंद्र गुर्जर का कहना है कि वह पिछले एक महीने से डेयरी संचालकों की यूनियन से बात कर दूध के दाम 40 रुपये लीटर से बढ़ा कर 50 रुपये लीटर करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि चारा, दाना, पीना आदि के दाम बढ़ गए हैं. ऐसे में 40 रुपये लीटर में दूध बेचने पर उनके दूध की लागत तक निकलना मुश्किल हो गई है. यही कारण है कि वह दूध के दाम 10 रुपये लीटर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन डेयरी संचालक दूध के दाम बढ़ाने को तैयार नहीं हैं. यही कारण है कि हमें हड़ताल पर जाना पड़ रहा है.
चोरी छिपे दूध लाने वाले पर जुर्माना
दूधिया संघ ने बैठक में इस बात का भी निर्णय लिया है कि अगर कोई दूधिया शहर में चोरी छिपे दूध लाते हुए पकड़ा जाता है तो उस पर तत्काल 5100 रुपये का जुर्माना किया जाएगा. वह दूधिया किसी समाज का या किसी भी संघ से जुड़ा हुआ क्यों न हो. शहर में कार्य कर रहे दोनों दूध संघों के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से इस बात की घोषणा की है. शहर में दूध की सप्लाई न हो इसके लिए भी युवाओं की टोलियां बनाई गई हैं. जो शहर में चारों दिशाओ से आने वाले रास्तों पर तैनात रह कर दूध की सप्लाई पर रोक लगाने का प्रयास करेंगी.
दूध के टैंकरों को नहीं रोकेंगे
दूधियों ने इस बात की भी घोषणा की है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी या डेयरी वाले शासकीय दूध डेयरियों से टैंकर मंगवाकर शहर में दूध की सप्लाई करते हैं तो वह शहर में आने वाले दूध के ऐसे टैंकरों को बिल्कुल नहीं रोकेंगे. दूधियों के अनुसार टैंकरों का यह दूध कई दिन पुराना केमिकल युक्त दूध होता है. इस दूध को न तो उपभोक्ता पसंद करता है और न ही इस दूध की मिठाई बनती हैं और न ही पनीर आदि. ऐसे में इस दूध के शहर में आने से उन्हें कोई ऐतराज नहीं है.
अस्पताल में कमी होने पर देंगे नि:शुल्क
दूधियों ने इस बैठक में इस बात का भी निर्णय लिया है कि अगर उनकी हड़ताल के कारण अस्पताल में मरीजों और बच्चों के लिए दूध की कमी आती है तो वह अस्पताल में जरूर सर्व सम्मति से दूध की सप्लाई करेंगे, क्योंकि उनकी हड़ताल और दूध के दाम किसी मरीज की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं. दूधियों के अनुसार वह अस्पताल में सप्लाई किए जाने वाले इस दूध का किसी भी प्रकार का कोई दाम मरीज से या उसके स्वजनों से नहीं वसूलेंगे.
कैसे होगी 25 हजार लीटर दूध की पूर्ति?
दूधियों की हड़ताल के उपरांत अब प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि वह शहर में आवश्यक दूध की पूर्ति कैसे करेगा? दूधियों की अनुसार शहर में हर राेज करीब ढाई हजार दूधियों द्वारा 25 हजार लीटर दूध की सप्लाई की जाती है. इतनी बड़ी मात्रा में दूध आखिर कहां से और कैसे मंगाया जाएगा?
नकली दूध से रहें सावधान
दूध के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि जब शहर में दूधियों द्वारा दूध की सप्लाई बंद कर दी जाएगी तो पहले दिन तो जैसे तैसे दूध डेयरी संचालक अपने स्टाक से शहर में दूध की मांग की आपूर्ति कर देंगे लेकिन अगले दिन से दूध की सप्लाई मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाएगी. ऐसे में कई दूध डेयरी संचालक सिंथेटिक दूध के माध्यम से दूध की आपूर्ति करने का प्रयास शुरू कर देते हैं. ऐसे में लोगों को इस बात से भी सावधान रहना होगा कि कहीं कोई दूध विक्रेता कोई बहाना बनाकर उन्हें नकली दूध तो नहीं खपा रहा है.
दूधियों द्वारा बनाया जा रहा नाजायज दबाब
इस संबंध में जब डेयरी यूनियन के अध्यक्ष आनंद जैन से बात की गई तो आनंद जैन का कहना था कि दूधिए सहालग का माहौल देखकर बिना किसी बातचीत के दबाब बनाने के लिए अचानक से हड़ताल पर जा रहे हैं. उनके अनुसार उनकी और दूधियों की दीपावली पर बात हुई थी कि अब होली के बाद गर्मी की स्थिती को देखते हुए दूध के दाम बढ़ाने पर विचार कर लेंगे, लेकिन इस बार अप्रैल में सहालग नहीं होने के कारण दूधियों ने सहालग को देखते हुए सोमवार से हड़ताल की घोषणा कर दी है. उनके अनुसार हम सहालग की बुकिंग को पूरी करने के लिए शहर में दूध की सप्लाई रोक देंगे. इसके अलावा करैरा, बदरवास सहित अन्य तहसीलों से दूध लाकर शहर में दूध की आपूर्ति करने का प्रयास करेंगे.
दाम बढ़ने पर 55 रुपये लीटर होगा दूध
वर्तमान में दूधियों को डेयरी संचालक 40 रुपये लीटर के मान से दूध के दाम दे रहे हैं. इस स्थिती में शहरवासियों को दूध 45 रुपये लीटर के भाव मिल रहा है. अगर दूधियों को हड़ताल के चलते दूध के दाम बढ़ जाते हैं तो आम जनता की जेब पर 10 रुपये प्रति लीटर दूध का खर्च बढ़ जाएगा और अभी जो दूध लोगों को 45 रुपये लीटर में मिल रहा है वह दूध 55 रुपये लीटर में मिलेगा. ऐसे में जिस घर में प्रतिदिन एक लीटर दूध की खपत है, उस घर में 300 रुपये प्रतिमाह दूध का खर्च बढ़ जाएगा.