नई दिल्ली : ग्राहक बैंक लॉकर (Bank Locker) में अपना कीमती सामान इसलिए रखते हैं, ताकी वह सुरक्षित रहे। लेकिन अगर लॉकर में रखा-रखा ही आपका सामान बर्बाद हो जाए, तो जिम्मेदारी किसकी है? उदयपुर में पीएनबी बैंक लॉकर (PNB Bank Locker) की घटना के बाद से लाखों लोगों को यह सवाल परेशान कर रहा है। यहां बैंक लॉकर में रखे लाखों रुपयों को दीमक चट कर गई। ग्राहक ने लॉकर में सवा 2 लाख रुपये रखे थे। पैसों की जरूरत पड़ी तो वह निकालने पहुंचा। लॉकर देखा तो होश उड़ गए। नोटों की गड्डियां पाउडर बन गई थीं। दीमक (Termite) नोटों को चट कर गई थी। ऐसे में अब नुकसान की भरपाई कौन करेगा? क्या बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं है। आइए जानते हैं।इस साल से बदल गए हैं नियमदेश में एक फरवरी 2023 से नए लॉकर रूल्स (New Locker Rules) लागू हो गए हैं। इन नियम में ग्राहकों के लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा को मजबूत किया गया है। ये नए रूल्स ग्राहकों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। आरबीआई (RBI) ने बैंकों को एक जनवरी से मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ लॉकर एग्रीमेंट (Locker Agreement) को रिन्यू करने के लिए कहा था। आरबीआई ने कहा था, ‘बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर एग्रीमेंट्स में कोई अनुचित शर्त या नियम नहीं हो। साथ ही लॉकर एग्रीमेंट ज्यादा कठिन नहीं हों।’ अब आइए जानते हैं कि ये नियम क्या हैं।बैंक को देना पड़ेगा मुआवजाअगर बैंक की लापरवाही से लॉकर में रखे सामान को कोई नुकसान पहुंचता है, तो बैंक को इसके लिए मुआवजा (Compensation) देना होगा। आरबीआई के नए मानकों में यह प्रावधान रखा गया है। आरबीआई के नए रूल्स के अनुसार बैंकों कि जिम्मेदारी है कि वे लॉकर और बैंक परिसर की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। बैंक को यह सुनिश्चित करना होगा कि आग, चोरी, डकैती या बिल्डिंग गिर जाने जैसी घटनाएं उनकी अपनी लापरवाही या चूक के चलते नहीं हों।सामान को हुए नुकसान की लेनी होगी जिम्मेदारीआरबीआई के नए नियमों के अनुसार, बैंकों को लॉकर में रखे सामान को हुए नुकसान की जिम्मेदारी लेनी होगी। वे यह नहीं कह सकते की सामान को हुए नुकसान के लिए उनका ग्राहक के प्रति कोई उत्तरदायित्व नहीं है।सालान किराये के 100 गुना तक मुआवजाअगर बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री को नुकसान होता है, तो बैंक को मुआवजा देना होगा। बैंक के कर्मचारी की धोखाधड़ी के कारण नुकसान होता है तो भी मुआवजा देना होगा। यह मुआवजा लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक होगा।इन मामलों में नहीं बनेगा मुआवजाअगर प्राकृतिक आपदा जैसे- भूकंप, बिजली गिरने, तूफान या बाढ़ आदि के चलते लॉकर के सामान को नुकसान होता है, तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं होगी। ग्राहक की गलती या लापरवाही के कारण अगर लॉकर के सामान को नुकसान पहुंचता है, तो भी बैंक जिम्मेदार नहीं होगा। हालांकि, बैकों को ऐसी आपदाओं से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के निर्देश दिये गए हैं।दीमक लगने के मामले में क्या होगा?उदयपुर की पीएनबी ब्रांच में दीमक की घटना सामने आने के बाद ब्रांच के दूसरे लॉकर्स में भी दीमक होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा हुआ तो इससे बैंक की लापरवाही सिद्ध होगी। ऐसे में बैंक को नुकसान का मुआवजा देना पड़ सकता है। बैंक मैनेजर का कहना है कि उन्होंने इस घटना के बारे में अधिकारियों को जानकारी दी है। लेकिन लॉकर में दीमक कैसे लगी, इस बारे में अभी बैंक अधिकारी कुछ नहीं कह पा रहे हैं।