हार्दिक के लिए रणजी ट्रॉफी जरूरी नहीं तो फिर ईशान के लिए क्यों? BCCI में ये भेदभाव कैसा

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी घरेलू क्रिकेट को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी में दिख रही है। बोर्ड आगे आने वाले समय में कुछ खास तरह के खिलाड़ियों के लिए में खेलना अनिवार्य करना चाहता है। इस बदलाव की बात तब चल पड़ी है जब ईशान किशन ने झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी खेलने की जगह खुद की ट्रेनिंग को महत्व दिया है। बीसीसीआई चाहता है कि ईशान, क्रुणाल पंड्या और दीपक चाहर जैसे खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में खेले, लेकिन बदलाव में कुछ अपवाद भी हैं। दरअसल बोर्ड ने हार्दिक पंड्या को लेकर कोई ऐसा फैसला नहीं लिया है कि उन्हें भी रणजी ट्रॉफी में खेलना होगा। वहीं हार्दिक भी खुद की ट्रेनिंग पर ध्यान दे रहे हैं। हार्दिक को आईसीसी वनडे विश्व कप 2023 में चोट लगी थी। इसके बाद से ही वह टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं और वह सीधे आईपीएल में वापसी करेेंगे।हार्दिक को क्यों मिली है छूट?हमारे सहयोगी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने जब बीसीसीआई अधिकारी से हार्दिक को छूट देने का कारण पूछा तो उन्होंने चोट का हवाला देते हुए कहा कि उनका शरीर रणजी ट्रॉफी का लोड नहीं संभाल सकता। वह टेस्ट क्रिकेट का बोझ नहीं उठा पाएंगे और भारत को उन्हें आईसीसी टूर्नामेंट के लिए फिट रखने की जरूरत है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरी हार्दिक पंड्या को इस तरह की छूट क्यों दिया जा रहा है।बीसीसीआई के अधिकारी परेशान हैं कि कुछ खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग को तरजीह दे रहे हैं। इसलिए बोर्ड सोच रहा है कि क्या आईपीएल में खेलने के लिए 3-4 रणजी ट्रॉफी मैच खेलना अनिवार्य कर देना चाहिए।आईपीएल के लिए खिलाड़ी बनाते हैं बहाना?कुछ युवा खिलाड़ी फिजियोथेरेपी का बहाना बनाकर खेल से बचते हैं। कहीं ना कहीं रोक लगानी होगी। बीसीसीआई को पता है कि कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहते। दूसरे देशों में भी T20 क्रिकेट को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, लेकिन बीसीसीआई नहीं चाहता कि भारत में ऐसा हो। इसलिए रणजी ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों पर ज्यादा ध्यान देने के लिए बदलाव किए जा सकते हैं।