वन चाइना पॉलिसी को लेकर अमेरिका को सुनाया
अमेरिकी अधिकारियों के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह वन चाइना पॉलिसी को काफी गंभीरता से ले और दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को माने। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि नए विवाद की जड़ दो बाते हैं। पहली यह कि ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी आजादी के लिए अमेरिका पर निर्भर हो रही है। दूसरा यह कि अमेरिका में कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
ताइवान के साथ सैन्य संबंध तोड़ने की अपील की
निंग ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अपने नेतृत्व के किए गए वादों को निभाते हुए ताइवान के मामले में जबरन घुसने का काम नहीं करना चाहिए। अमेरिका को ताइवान के साथ सैन्य संबंधों पर भी रोक लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि ताइवान चीन का हिस्सा है और हम शांतिपूर्वक और पूरी ईमानदारी के साथ इसका अधिग्रहण करना चाहते हैं। निंग ने कहा कि हालांकि हम ऐसा कोई वादा नहीं कर रहे कि ची सेना का का इस्तेमाल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान के एकीकरण के लिए चीन के पास हर जरूरी कदम उठाने का अधिकार है।
चीनी चिप के बहिष्कार का लगाया आरोप
चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका अपने सहयोगियों पर चीन की चिप तकनीक का बहिष्कार करने के लिए दबाव बना रहा है। इसका लक्ष्य अमेरिका के अपने हितों को साधना है। चीनी प्रवक्ता ने दावा किया कि अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर में उद्योगों को नुकसान होगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी सांसद वन चाइना पॉलिसी का पालन करें और ऐसी कोई भी चीज न करें जिससे दोनों देशों के संबंध, शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो। चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका हमेशा लोकतंत्र, आजादी और मानवाधिकारों का दिखावा करता है और खुद दूसरों के घरेलू मामलों में दखल देता है।