मास्को: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदयमयर जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर रूस के साथ चीन जंग में कूदेगा तो दुनिया में तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा पैदा हो जाएगा। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने चीनी नेतृत्व से संपर्क करके कहा है कि वे रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में किसी तरह की मदद नहीं दें। इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चेतावनी दी थी कि चीन जल्द ही रूस को घातक हथियारों की आपूर्ति कर सकता है। जेलेंस्की और अमेरिका का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब रूस और चीन के बीच दोस्ती नए शिखर पर पहुंच गई है। इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन का रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में कूदना वास्तव में विश्व युद्ध शुरू करा सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार में चर्चित स्तंभकार थॉमस फ्राइडमैन ने रविवार को चेतावनी दी कि चीन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को ‘असली विश्वयुद्ध’ में ढकेल सकता है। फ्राइडमैन ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘सबसे पहली बात चीन चाहेगा कि यह युद्ध लंबा खिंचे ताकि अमेरिका फंसा रहे। और हम अपने सभी हथियार और सैन्य भंडार को खत्म कर रहे हैं।’ अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि मेरा मानना है कि चीन चाहेगा कि रूस कमजोर हो जाए जिससे वह आर्थिक रूप से बीजिंग पर निर्भर हो जाएगा।’ हालांकि चीन यह नहीं चाहता है कि रूस का पतन हो जाए। ‘चीन जंग में शामिल हुआ तो वास्तविक विश्वयुद्ध होगा’ थॉमस फ्राइडमैन ने कहा, ‘अगर पश्चिमी देश रूस को झुकाने में कामयाब रहते हैं तो यह ताइवान के लिए बहुत ही बुरा संकेत है। इसलिए मैं समझता हूं कि इसको लेकर चीनी चिंतित होंगे।’ उन्होंने कहा कि अगर चीन इस जंग में शामिल होता है तो यह एक वास्तविक विश्वयुद्ध होगा। यह प्रत्येक वैश्विक बाजार को प्रभावित करेगा और हम एक पूरी तरह से नए विश्व में हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि उन्होंने रूस की मदद करने को लेकर चीनी विदेश मंत्री को चेतावनी दी है। ब्लिंकन ने कहा कि चीन अगर यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद करता है तो उसे ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी। चीन हथियारों की मदद को लेकर सबूत मांगे जाने पर ब्लिंकन ने कहा, ‘चीन इसे दो तरह से करने की कोशिश कर रहा है। सार्वजनिक रूप से चीन यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह यूक्रेन में शांति चाहता है लेकिन प्राइवेट तरीके से मैंने कहा भी है कि वह गैर घातक सहायता सीधे तौर पर रूस को दे रहा है।’ उन्होंने कहा कि इस बात के संकेत हैं कि चीन अब रूस को घातक सहायता देने पर विचार कर रहा है।