पाकिस्तान से मिली मदद को लेकर IB और RAW की पूछताछ, अमृतपाल पर अब आगे क्या होगा ऐक्शन?

चंडीगढ़: आखिरकार 36 दिन से फरार खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। अमृतपाल को मोगा के रोडे गांव से पकड़ा गया और असम के डिब्रूगढ़ जेल ले जाया गया। इसी जेल में अमृतपाल को 9 दूसरे सहयोगी भी अरेस्ट हैं जिसमें पप्पलप्रीत सिंह भी शामिल है। अमृतपाल को डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल की आइसोलेटेड सेल में रखा गया है। अब खुफिया एजेंसियों की एक टीम डिब्रूगढ़ पहुंचकर अमृतपाल से पूछताछ कर सकती है।अमृतपाल सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत अरेस्ट किया गया है। इस ऐक्ट के तहत जो पुलिस को देश भर में किसी भी जेल में संदिग्धों को हिरासत में लेने की इजाजत देता है।अमृतपाल से क्या पूछे जाएंगे जवालअमृतपाल सिंह से केंद्रीय एजेंसियां भी पूछताछ कर सकती हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आने वाले कुछ दिनों में इंटेलिजेंस ब्यूरो सहित कई एजेंसियां डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल से सवाल कर सकती हैं। पकड़े गए उसके 9 साथी भी डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। हालांकि एनआईए पूछताछ करेगी या नहीं, अभी साफ नहीं हो पाया, लेकिन इंटरनैशनल कनेक्शन के चलते उससे सवाल हो सकते हैं।एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अमृतपाल को उसके साथियों से दूर एक पृथक सेल में रखा गया है। उन्होंने बताया, ‘अमृतपाल से उसके हमदर्दों के साथ जुड़ाव और फंडिंग के सोर्स पर सवाल किए जाएंगे। खुफिया एजेंसियों को उसके पाकिस्तान और दूसरे देशों में बैठे आकाओं से जुड़े होने के बारे में काफी सारे इनपुट मिले हैं।’अमृतपाल को पुलिस ने कैसे पकड़ा? उन्होंने बताया, ‘हमने असम पुलिस को जेल परिसर के आसपास सुरक्षा कड़ी करने और जेल में आने वाले लोगों की पूरी तरह से तलाशी लेने और उनके विवरण को रिकॉर्ड में रखने के लिए कहा है। राज्य पुलिस के अलावा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को भी जेल परिसर की परिसीमा में तैनात किया गया है।’पंजाब पुलिस ने बताया कि ‘अमृतपाल को पकड़ने के लिए अमृतसर पुलिस और पंजाब पुलिस की खुफिया इकाई ने साझा अभियान चलाया। हमें अमृतपाल के रोडे गांव में होने की जानकारी मिली थी। पुलिसवालों ने चारों तरफ से उस गांव को घेर लिया, जिससे उसके फरार होने की गुंजाइश नहीं बची थी। पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। अमृतपाल चारों तरफ से घिर चुका था। पुलिस की कड़ी घेराबंदी के बीच उसे गिरफ्तार कर लिया गया।’अमृतपाल को चारों ओर से घेरा गयापंजाब पुलिस के आईजी मुख्यालय सुखचैन सिंह ने कहा कि ‘अमृतपाल गुरुद्वारे के अंदर था। हमने गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखने के लिए इसमें प्रवेश नहीं किया। उसे चारों तरफ से घेरने के बाद गिरफ्तार किया गया। जिस तरीके से पूरे अभियान की योजना बनाई गई, जिस तरह की ठोस सूचनाएं थीं, जिस तरीके से गांव को घेरा गया…गुरुद्वारे की पवित्रता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण था।’आईजी ने बताया, ‘वर्दी के साथ पुलिस अंदर नहीं जा सकती थी। उसे संदेश भेजा गया कि चारों तरफ से घिरे हुए हो और अब बचने का कोई रास्ता नहीं है। उसे पता चल गया कि उसके पास विकल्प नहीं बचे हैं, जिसके बाद गिरफ्तारी संभव हुई।’ आईजी ने पूरे ऑपरेशन के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पंजाब के लोगों का धन्यवाद दिया।