18 सितंबर 2022 ! वो दिन जब सबकी ज़ुबान और जेहेन पर सिर्फ एक बात थी, वो था मोहाली की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी का MMS कांड. हर स्टूडेंट, हर पेरेंट्स के मन में एक चिंता थी, एक डर था. वो एक ऐसा हादसा था जिसने सबको झकझोर कर रख दिया था. यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली लड़कियां शर्म से सड़कों पर उतरी थीं, डर था कहीं उन वायरल वीडिओज़ में उनका भी चेहरा न हो. ऐसा पहली बार नहीं हुआ था, हर दिन सैकड़ों लड़कियां इस डर में जी रही हैं, उनके डर का फायदा उठाकर उनसे गलत काम करवाए जा रहे हैं , वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन्हें कठपुतली बनाया जा रहा है.
इतना ही नहीं कई बार लड़कियों को डरा धमकाकर और ब्लैकमेल करके इतना मजबूर कर दिया जाता है कि लड़कियां बड़ा अपराध तक कर बैठती हैं. कुछ ऐसा ही हुआ था मोहाली की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में , जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
सारा अली ने दिखाई वीमेन राइट्स के लिए काम करने की दिलचस्पी
इस हादसे ने आईएएस अभिषेक सिंह को इतना झकझोर कर रख दिया कि उन्होंने एक मुहीम शुरू की, जिसका नाम है NO SHAME MOVEMENT. बॉलीवुड और कई म्यूजिक एल्बम में काम कर चुके अभिषेक सिंह ने TV9 से बातचीत में बताया कि उस हादसे के बाद उन्होंने अपनी टीम से बात की और इस अभियान के बारे में चर्चा की. उनका मानना है कि किसी भी मुहीम की शुरुआत के लिए एक बड़ा नाम चाहिए होता है ताकि आम लोग इस मुहीम का हिस्सा बने.
अभिषेक ने अपनी दोस्त और बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान से बात की और सारा ने भी इस मुहीम का समर्थन किया। सारा ने कहा लड़कियां कब तक ऐसी चीज़ों का शिकार होती रहेंगी. कभी डर के कारण तो कभी शर्म के कारण वो इसका जिक्र नहीं कर पाती, शिकायत दर्ज कराना तो बहुत दूर की बात है वो ये सब अपने घर में भी नहीं बता पाती. वो बस अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं, इन्हीं सब समस्याओं से निपटने और लड़कियों की मदद के लिए बना है NO SHAME MOVEMENT
लड़कियां व्हाट्सएप के जरिए शेयर कर सकेंगी परेशानी
इस अभियान के तहत कई बड़ी महिला लॉयर्स जुड़ेंगी जो लड़कियों को लीगली मदद करेंगी. इसके अलावा टेलीग्राम से लेकर व्हाट्सएप नंबर हैं जहां लड़कियां अपनी समस्याएं रख सकेंगी. वो लड़कियां जो किसी ब्लैकमेल का शिकार हो रही हैं वो आगे आ सकेंगी. इस अभियान के तहत देश भर में सेमिनार होंगे जहां लड़कियों को जागरूक किया जाएगा, उन्हें समझाने की कोशिश की जाएगी कि विक्टिम तुम नहीं वो लड़के हैं जो ऐसा कर रहे हैं, जो आरोपी हैं उन्हें मुँह छिपाने की ज़रूरत है न की विक्टिम को. सेमिनार के साथ साथ उन लड़कियों की मदद की जाएगी, उन्हें मुफ्त में कानूनी सहायता मिलेगी, पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराई जाएगी. इसके अलावा उनकी कॉउंसलिंग की जाएगी, मजबूत बनाया जाएगा कि उन्हें शर्मसार होने की ज़रूरत नहीं है और वो अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हैं.
अभिषेक पहले भी कर चुके हैं लोगों की मदद
ऐसा पहली बार नहीं है जब अभिषेक ने ऐसी कोई पहल की शुरुआत की हो, जब देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी थी तब भी अभिषेक ने लोगों की मदद की थी है. उन्होंने प्लाज्मा डोनर्स के लिए ‘यूनाइटेड बाय ब्लड’ वेबसाइट लांच की थी, इसका काम डोनर और रेसीपिएंट के बीच सहज संपर्क स्थापित करना था. आईएएस अधिकारी ने इसके अलावा ऑक्सीजन टैक्सी सेवा भी शुरू की थी जिससे काफी लोगों को लाभ मिला था