नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने का कारण बताया है। इस सवाल का जवाब देते हुए उनके चेहरे का हावभाव बदल गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे वह कभी नहीं भागे। न कभी उन्होंने सीएम पद के लिए कांग्रेस के सामने शर्त रखी। कांग्रेस छोड़ने का कारण अपमान था। कांग्रेस ने उनके आत्मसम्मान को झकझोर दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कुर्सी पर बैठकर उनका अपमान किया। उन्होंने कभी कोई पद देने की बात नहीं की। लेकिन, उन्होंने कभी आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं किया। जब इस पर आंच आईं तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ देने का फैसला किया। सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने बड़ी बेबाकी से कई सवालों के जवाब दिए। हालांकि, जब सिंधिया से पूछा गया कि उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी तो उनके चेहरे के हावभाव बदल गए। वह तमतमाए चेहरे के साथ बोले कि उन्हें कभी मुख्यमंत्री की कुर्सी का लोभ नहीं था। जब उनसे कहा कि किसी और को इसके लिए चुना गया है तो भी उन्हें रत्तीभर फर्क नहीं पड़ा। मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री पद न मिलना कांग्रेस छोड़ने का कारण कभी नहीं था। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कांग्रेस छोड़ने की असल वजह अपमान थी। जब मध्यप्रदेश के नजीते आए तो बैठक के बाद उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री कौन बन रहा है। उन्होंने उस नाम का समर्थन किया। खुद उन्होंने नाम का ऐलान किया। पद तो कोई वजह थी ही नहीं। कांग्रेस का छोड़ने का फैसला उन्होंने तब किया जब तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कुर्सी पर बैठकर उनका असम्मान किया। वह हर किसी चीज के साथ समझौता कर सकते हैं। लेकिन, सेल्फ रिस्पेक्ट के साथ कतई कॉम्प्रोमाइज नहीं कर सकते हैं। अपनी जिंदगी में उन्होंने कभी आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं किया। इसी के बाद उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का फैसला कर लिया।