मशहूर कवि और राम कथा वाचक कुमार विश्वास ने एक वीडिया जारी कर उस मुद्दे पर सफाई दी है, जिस पर उन्हें घेरा जा रहा है. दरअसल, उन पर राम कथा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोगों को अनपढ़ कहने का आरोप लगा. उनकी एक क्लिप चलाकर उन्हें लगातार घेरा जा रहा था. अब इस पर उन्होंने अपना पक्ष रख दिया है और स्पष्ट किया है कि किस संदर्भ में उन्होंने ऐसा कहा.
अपना पक्ष रखते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि उन्होंने ये टिप्पणी उनके कार्यालय में काम करने वाले बालक को लेकर की जो संयोग से आरएसएस में काम करता है. पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है. तो मैंने उससे कहा कि पढ़ा करो. वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो. बस इतनी से बात थी. उन्होंने ये भी कहा कि मैं जिस मकसद से कह रहा हूं, इस बात को उसी संदर्भ में समझें, फिर भी आपकी सामान्य बुद्धि में ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो मुझे माफ करें, क्षमा करें.
कुमार विश्वास ने बताया कि उन्होंने कल बुखार में उज्जैन में ये राम कथा की. उसी दौरान ये टिप्पणी की. कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे ज्यादा फैला दिया. आज मुझे समाचार मिला कि कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे, तो भाई आप ध्यान रखिएगा कि राम की कथा को कौन भंग करता है. इस बात को मेरे अर्थ में ही समझें, किसी और अर्थ में समझेंगे तो मैं जिम्मेदार नहीं हूं.
उन्होंने कहा कि ऐसी बात तो मेरे पिता भी मुझसे कहते हैं कि बड़े मूर्खू हो तुम, जो स्वयं संघ के बड़े पदाधिकारी हैं, मेरे भाई भी. ऐसी बात सभी बोलते हैं, मैंने उस बालक को बोल दिया, जो उम्र में काफी छोटा है और आप सभी को अपना मानकर वहां सूचित कर दिया.
कुमार विश्वास ने RSS मामले में वीडियो जारी कर सफ़ाई पेश की
कहा- ‘मैंने मेरे कार्यालय में पढ़ने वाले बालक के बारे में टिप्पणी की थी, जो संयोग से RSS में काम करता है’@DrKumarVishwas | #RSS | @shubhjournalist pic.twitter.com/Yp31RnGkPe
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) February 22, 2023
ये दिया था बयान
कथा सुनाते हुए कुमार विश्वास ने कहा था कि घर में मैं कुछ रिकॉर्डिंग कर रहा था तो एक बच्चा जो मेरे साथ काम करता है, वो मेरे पास आया, वो आरएसएस में काम करता है. उसने कहा कि भईया बजट आने वाला है. कैसा आना चाहिए? मैंने कहा कि तुमने तो राम राज्य की सरकार बनाई है तो राम राज्य जैसा बजट आना चाहिए. इस पर उसने कहा कि राम राज्य में कहां बजट आता था. मैंने कहा कि तुम्हारी समस्या ये ही है, वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो. वामपंथियों ने सब पढ़ा है, लेकिन गलत पढ़ा है. ये वाले हैं कि पढ़ा ही नहीं है. बोलते हैं कि हमारे वेदों में, लेकिन देखा नहीं है. भाई, पढ़ भी लो.