नई दिल्ली: विदेश मंत्री दुनिया में भारत की नई छवि गढ़ रहे हैं। यह सत्तापक्ष के किसी नेता का बयान नहीं, खाड़ी देश UAE के वरिष्ठ मंत्री की राय है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मंत्री उमर सुल्तान अल ओलामा ने बुधवार को जयशंकर की खूब तारीफ की। मौका था दिल्ली के एक थिंक-टैंक की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस का। इसमें कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों ने भी शिरकत की। सबकी मौजूदगी में उमर ने कहा कि जयशंकर जिस तरह से जियोपॉलिटिकल रस्साकशी में भारत की विदेश नीति को आगे रख रहे हैं, उससे वे खासे प्रभावित हैं। उमर ने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से दुनिया एकध्रुवीय, द्विध्रुवीय या त्रिध्रुवीय थी, जहां आपको पक्ष लेना ही पड़ता था। मैं आपके विदेश मामलों के मंत्री से बेहद प्रभावित हूं… मैंने उनके कुछ भाषण देखे हैं।’ उमर से सवाल किया गया था कि वे जियोपॉलिटिकल मसलों को कैसे हैंडल करते हैं।
साथ काम कर सकते हैं भारत, UAE और USAउमर ने आगे कहा, ‘अंत में, जियोपॉलिटिक्स कुछ के सर्वश्रेष्ठ हितों से तय होती है… ऐतिहासिक रूप से जो मॉडल था, अब वह नहीं है। अब एक देश को अपने सर्वश्रेष्ठ हितों के बारे में सोचना पड़ता है।’ मंत्री ने कहा कि अगर UAE और भारत मिलकर काम करते हैं तो इसका यह मतलब नहीं कि भारत अमेरिका के साथ काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, ‘हम तीनों साथ काम कर सकते हैं। I2U2 (इंडिया-इजरायल-UAE-USA) ग्रुप इसका बेहतरीन उदाहरण है।’
UAE के AI मंत्री ने कहा कि यह वक्त व्यापार के जरिए दुनिया पर प्रभुत्व का है। उन्होंने कहा कि भारत और UAE जैसे देश साथ मिलकर दुनिया पर अपनी छाप बढ़ा सकते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए उमर ने कहा, ‘आज दुनिया में प्रभुत्व स्थापित करने का जरिया व्यापार है। अगर भारत और UAE जैसे देश साथ काम कर सकते हैं तो हम दुनिया में अपनी धाक बढ़ा सकते हैं।’
उमर सुल्तान CyFY2022 नाम के इवेंट को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। टेक्नोलॉजी, सिक्योरिटी और सोसायटी पर चर्चा के लिए दिल्ली में तीन दिन तक चलने वाली यह कॉन्फ्रेंस ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) ने बुलाई है। अगले तीन दिन इसमें 28 पैनल डिस्कशंस होंगे। इसमें 37 देशों के 150 वक्त भाग लेंगे।
पोलराइज्ड दुनिया में भारत की अहमियत: जयशंकरपिछले महीने जयशंकर ने कहा था कि मौजूदा ध्रुवीकृत दुनिया में भारत वास्तव में महत्व रखता है। जयशंकर ने कहा था कि भारत को ‘बड़े पैमाने पर दक्षिण (गोलार्ध) की आवाज के रूप में जाना जाता है।’ सितंबर में मीडिया से बातचीत में जयशंकर ने कहा था कि ‘इसमें दो राय नहीं है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा दुनिया की स्थिति को प्रतिबिंबित करती है, जो खासतौर पर इस समय ध्रुवीकृत है। वास्तव में दुनिया जिस अवस्था में है, उसमें भारत महत्व रखता है। हम एक सेतु हैं, हम एक आवाज हैं, हम एक दृष्टिकोण, एक जरिया हैं।’
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