हरिद्वार/अल्मोड़ा: जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी के संन्यासी बनने की चर्चा जोरों पर है। इस खबर के सामने आने के बाद से यही सवाल उठ रहा है कि क्या तस्कर, सुपारी किलर और अंडरवर्ल्ड डॉन के तौर पर अपनी पहचान रखने वाला अब ‘महामंडलेश्वर’ के तौर पर जाना जाएगा। की तरफ से दीक्षा दिए जाने की खबर के बाद अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरी गिरी ने पूरे मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया है। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरी गिरी गैंगस्टर प्रकाश गिरी के दीक्षा लेने के मामले जांच शुरू कर दी है। इसके लिए सात सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है। यह बात स्पष्ट तौर पर कही गई है कि इस प्रकरण में जिन संतों की भूमिका संदिग्ध पाई जाएगी, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी ने भी किसी खास मकसद या लालचवश यह काम किया होगा तो उसे अखाड़े से तुरंत बाहर किया जाएगा। अल्मोड़ा की जेल में सजा काट रहे प्रकाश को महामंडलेश्वर की उपाधि दिए जाने की चर्चा भी तेज है। कहा यह भी जा रहा है कि प्रकाश को मुख्य गंगोत्री भैरव मंदिर, गंगोलीहाट के कालेश्वर मंदिर, महादेव मुनस्यारी में कालिका मंदिर, काला मुनि मंदिर का मुख्य महंत बनाया गया है। दीक्षा के बाद डॉन का नाम स्वामी प्रकाशानंद गिरी रखा गया है। परंपरा के अनुसार कुंभ में मुंडन संस्कार कर फिर आगे के दायित्व सौंपे जाएंगे।नैनीताल के निवासी प्रकाश का नाम उत्तराखंड में तस्करी से लेकर हत्याओं तक में जुड़ा हुआ है। उसके खिलाफ दिल्ली, मुंबई समेत देश के कई जगहों में मर्डर और किडनैपिंग के मामले सामने आए थे। 90 के दशक में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के साथ जुड़े रहे प्रकाश उर्फ बंटी उर्फ पीपी का नाम फिरौती और रंगदारी के धंधे में भी सामने आया था। वह वियतनाम में जाकर गैंग को चलाने लगा। 2010 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।