CBI को मनीष सिसोदिया के खिलाफ कैसे हाथ लगे अहम सुराग? अगर वो कंप्‍यूटर न होता तो…!

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रद्द की जा चुकी शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर से डिलीट की गई फाइलों और डेटा को फिर से हासिल कर लिया है। जनवरी में सीबीआई ने कंप्यूटर सीज किया था। यह पता चलने पर कि कुछ डेटा हटा दिया गया है, इसने कंप्यूटर को इसे पुन: प्राप्त करने के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में भेज दिया। अब फॉरेंसिक विभाग ने उन्हें डेटा और फाइलों के साथ एक रिपोर्ट भेजी है। एफएसएल रिपोर्ट बताती है कि इन फाइलों को शुरू में व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किया गया और फिर मनीष सिसोदिया के कंप्यूटर में सहेजा गया। बाद में इन्हें हटा दिया गया।कंप्यूटर सिसोदिया के कार्यालय से जब्त किया गया था। सिसोदिया के कार्यालय का दौरा करने से पहले सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस दिया था। सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।दिल्ली शराब घोटाला: मनीष सिसोदिया ने बदले 12 सेलफोन, ईडी ने चार्जशीट में लगाया आरोपएक सूत्र के मुताबिक, एजेंसी मामले में एक पूरक चार्जशीट दायर करने की प्रक्रिया में है और इसलिए वे मामले को मजबूत बनाने के लिए और सबूत इकट्ठा करना चाहती है। सूत्र ने कहा, सिसोदिया के कंप्यूटर से साक्ष्य बरामद किए गए हैं, मामला अब और मजबूत है।क्या है शराब घोटाला, जिसमें मनीष सिसोदिया को CBI ने किया गिरफ्तारआबकारी नीति घोटाले में रविवार को उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को सीबीआई ने एक दिन के राजनीतिक ड्रामे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। राजघाट का दौरा करने के बाद सुबह करीब 11.10 बजे दक्षिण दिल्ली के लोधी रोड स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मुख्यालय पहुंचे सिसोदिया से गिरफ्तारी से पहले आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई।आईएएनएस के इनपुट के साथ