उम्मीद है अमेरिकी समझेंगे… राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने बेटे हंटर को दिया क्षमादान, व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले बड़ा फैसला

वॉशिंगटन: राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले अपने बेटे हंटर बाइडन को एक बड़ा तोहफा दिया है। राष्ट्रपति ने अपने बेटे को कानूनी तौर पर माफी दे दी है। हाल ही में उन्हें बंदूक अपराध और टैक्स से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था। राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘आज मैंने अपने बेटे हंटर के लिए क्षमादान पर हस्ताक्षर किया।’ यह पूर्ण और बिना किसी शर्त के है। इस क्षमादान को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रद्द नहीं किया जा सकता है।राष्ट्रपति बाइडन यह फैसला लेकर अपने उस वादे से मुकर गए हैं, जिसमें उन्होंने बार-बार कहा था कि वह अपने बेटे को माफ या उसकी सजा कम करने के लिए अपने कार्यकारी अधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगे। ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद भी राष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के शीर्ष प्रवक्ता ने सजा माफ न करने की बात दोहराई थी। क्षमा का मतलब है कि हंटर को उनके अपराधों की सजा नहीं मिलेगी। यह उन्हें जेल भेजने की संभावना को खत्म करता है।ट्रंप ने मुकदमा चलाने की कही थी बातहंटर बाइडन के मामले की सुनवाई करने वाली जज संभवतः अब इस आदेश के बाद सजा की सुनवाई रद्द कर देंगे। दो मामलों में दोषी पाए जाने के बाद 12 और 16 दिसंबर को उन्हें सजा सुनाई जानी थी। क्षमादान किसी भी संभावित संघीय अपराध को कवर करता है जो हंटर बाइडन ने 1 जनवरी 2014 से 1 दिसंबर 2024 तक किया था। यह यूक्रेनी गैस कंपनी बरिस्मा के बोर्ड में उनके पूरे कार्यकाल को कवर करता है। ट्रंप बार-बार यूक्रेन में उनकी गतिविधियों के लिए उन पर मुकदमा चलाने की बात कहते रहे हैं। बाइडन ने क्षमादान की बताई ये वजहहंटर बाइडन के वकीलों ने रविवार रात औपचारिक रूप से न्यायाधीशों को उनके आपराधिक मामलों में क्षमा के बारे में सूचना दी। एक शपथ पत्र में कहा कि उन्होंने अपने पिता से क्षमा स्वीकार कर ली है। जो बाइडन ने बयान में कहा कि उन्होंने क्षमा देने का फैसला किया क्योंकि उनके बेटे पर चुनिंदा और गलत तरीके से मुकदमा चलाया गया है। उन्होंने कहा कि हंटर के समान की अपराध करने वाले दूसरे लोगों से अलग व्यवहार किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक विरोधियों ने चुनाव प्रभावित करने के लिए आरोपों को उकसाया। बाइडन ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि अमेरिकी समझेंगे कि एक पिता और एक राष्ट्रपति इस निर्णय पर क्यों पहुंचा।