नए साल की शुरुआत एक और युद्ध से हुई। हूतियों के आतंक से लाल सागर को मुक्त कराने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की वायु सेना का संयुक्त अभियान देखने को मिला। लाल सागर में जहाजों पर हफ़्तों तक हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन में सैन्य हमले शुरू कर दिए। यमन के हूती विद्रोहियों ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाओं को उलझा कर रखा है। वे लाल सागर से होकर गुजरने वाली किसी भी मालवाहक जहाज पर मिसाइलें दाग रहे हैं, जिन्हें वे अमेरिका, ब्रिटेन या इजरायल से जुड़ा मानते हैं। लाल सागर में जहाजों को क्यों बना रहे निशाना? इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद, हूती ने हमास के लिए अपने समर्थन की घोषणा की और इजरायल की ओर जाने वाले किसी भी जहाज पर हमला करने की चेतावनी भी जारी कर दी। 19 नवंबर को हूती बंदूकधारियों ने गैलेक्सी लीडर नाम के एक जहाज का अपहरण कर लिया और उसके चालक दल के 25 सदस्यों को बंदी बनाकर यमनी बंदरगाह पर ले गए। कुछ ही समय बाद, हूतियों ने लाल सागर में जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। यमन बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य के पूर्वी किनारे पर स्थित है, जो 16 मील का जलमार्ग है जो लाल सागर के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। लाल सागर दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण शिपिंग लेन में से एक है। लाल सागर और स्वेज़ नहर एक महत्वपूर्ण शिपिंग मार्ग है जिसके माध्यम से विश्व व्यापार का 12 प्रतिशत गुजरता है। नवंबर के बाद से हूतियों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों पर 27 ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। इसे भी पढ़ें: History of Houthis Part 3| लाल सागर में जहाजों को क्यों टारगेट कर रहे हूती | Teh Takइसके पीछे क्या रणनीति है? हूतियों का मानना है कि लाल सागर में हमले करने से उनका वैश्विक प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे वे समग्र रूप से यमन से जुड़ जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हूतियों की भागीदारी ने यमन के भीतर उनके समर्थन को मजबूत किया है, जहां कई लोग इन अभियानों को फिलिस्तीनी नागरिकों के समर्थन में इज़राइल और उसके सहयोगियों पर दबाव डालने के एक तरीके के रूप में देखते हैं। एक असंगठित विद्रोही समूह होने से हूतियों ने अपने शस्त्रागार को मजबूत किया है, अब उनके पास लंबी दूरी के ड्रोन के साथ-साथ क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं। लाल सागर के हमलों ने समूह को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है। ब्रिटेन और अमेरिका यमन पर बमबारी क्यों कर रहे हैं? अमेरिका और ब्रिटेन ने 11 जनवरी को यमन में हौथी ठिकानों पर हवाई हमले शुरू किए। तब से कई और हड़तालें हो चुकी हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वे लाल सागर के जहाजों पर हमलों की सीधी प्रतिक्रिया में थे, जिसने व्यापार को खतरे में डाल दिया और नेविगेशन की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक ने कहा कि वैश्विक शिपिंग की सुरक्षा के लिए कार्रवाई आवश्यक और आनुपातिक थी। History of Houthis 4 | यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका चाहता है भारत की मदद | Teh Tak