
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी में मीडिया को बताया कि प्रदर्शन के लिए रखी गई वस्तुएं मूल निवासियों के पारंपरिक उपकरण हैं। सीएम के बयान के तुरंत बाद गोलपारा जिला प्रशासन ने लखीपुर में मिया संग्रहालय को सील कर दिया।
सरकार विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा शिक्षक
जिला प्रशासन ने कहा कि यह घर पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत बनाया गया है। इसमें अवैध रूप से संग्रहालय खोला गया इसलिए इसे सील कर दिया गया है। पुलिस ने घर के मालिक मोहर अली को भी गिरफ्तार कर लिया है। मोहल अली एक सरकारी शिक्षक है। जो सरकार विरोधी गतिविधियों के लिए पहले ही निलंबित कर दिया गया था।
सीएम ने उठाए थे सवाल
सीएम ने कहा था नंगोल (हल), जो संग्रहालय में देखा गया था, केवल मियाओं की संपत्ति कैसे हो सकता है? यह असमिया समुदाय का है। मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं को भी संग्रहालय में रखा जाता था लेकिन सदियों से इनका उपयोग हमारी अनुसूचित जाति करती रही है। लुंगी के अलावा वहां कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि मिया संग्रहालय के प्रबंधन को यह साबित करना होगा कि नंगोल का इस्तेमाल विशेष रूप से मिया करते हैं न कि असमिया लोग।
हिमंत बिस्व सरमा ने दी थी चेतावनी
रविवार को असोम-मिया (असोमिया) परिषद ने मिया संग्रहालय की स्थापना की। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि अगर उन्होंने असमिया लोगों के इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के साथ मिया संग्रहालय खोला है, तो पुलिस मामला दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कहा कि हमने मिया कविता के बाद मिया स्कूल और अब संग्रहालय देखा। मैं हमेशा से इन चुनौतियों की ओर इशारा करता रहा हूं।
दपकरभिता में बना घर मुख्य रूप से मुस्लिम परिवारों का गांव है। गोलपाड़ा के अब्दुर रहीम जिब्रान ने लखीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि मिया संग्रहालय ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा है और धार्मिक नफरत को भड़काया है। उन्होंने असम-मिया (असोमिया) परिषद के अध्यक्ष और सचिव पर सरकार को कथित रूप से धोखा देने का आरोप लगाया।