गुवाहाटी: असम की डिब्रूगढ़ जेल में एक बड़ी सुरक्षा चूक सामने आई है। यहां हाई सिक्यॉरिटी वाले डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल के एनएसए सेल में जासूसी कैमरा पेन मिला है। इसके अलावा अन्य आपत्तिजनक सामान पाए गए हैं। यह वही सेल है जहां वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को उसके 9 सहयोगियों संग कैद में रखा गया है। हाईटेक कैमरे और डिवाइस मिलने के बाद कानून लागू करने वाली एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। जेल कर्मचारियों ने शनिवार को जेल परिसर की तलाशी ली, जिसमें एक जासूसी-कैमरा पेन, एक सिम कार्ड के साथ एक स्मार्टफोन, एक कीपैड फोन, कीबोर्ड के साथ एक टीवी रिमोट, पेंड्राइव, ब्लूटूथ हेडफ़ोन, स्पीकर और एक स्मार्टवॉच सहित अनधिकृत वस्तुओं का पता चला।कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थक अलगाववादी, अमृतपाल को एक महीने से अधिक की खोज के बाद पंजाब पुलिस ने मोगा से गिरफ्तार किया था। उसके बाद अमृतपाल को 23 अप्रैल, 2023 को डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था।क्या बोले एसम के डीजीपीअसम के डीजीपी जी. पी. सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उक्त सेल में हो रही अनधिकृत गतिविधियों के बारे में जानकारी के बाद, एनएसए ब्लॉक के सार्वजनिक क्षेत्र में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए और तलाशी ली गई, ‘इन अनधिकृत वस्तुओं के स्रोत और शामिल करने के तरीके का पता लगाया जा रहा है। पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।’ जेल पहुंचे अधिकारीडिब्रूगढ़ एसपी श्वेतांक मिश्रा और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सुरक्षा उपायों का आकलन करने के लिए जेल पहुंचे और सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए जेल अधीक्षक के साथ बैठक की। सूत्रों ने कहा कि यह निर्धारित करने के लिए एक गहन जांच की जाएगी कि अनधिकृत वस्तुओं को सुविधा में कैसे तस्करी की गई और वे वारिस पंजाब दे के सदस्यों के कब्जे में कैसे आए।एएसपी जेल का पद खालीवकीलों और आरोपियों के परिवार को कथित तौर पर सप्ताह में एक बार जेल परिसर में उनसे मिलने की अनुमति दी गई थी। डिब्रूगढ़ जेल की सुरक्षा की देखरेख के लिए जिम्मेदार अतिरिक्त एसपी (सुरक्षा) का पद जनवरी से खाली पड़ा है।अमृतपाल और उनके सहयोगियों पर एनएसए और आपराधिक अपराधों के तहत हिंसा भड़काने, हत्या के प्रयास और पुलिस कर्मियों पर हमले से लेकर कानून प्रवर्तन में बाधा डालने तक के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।