बेबसी, ब्लड मनी और एक जिद… यमन में बेटी निमिषा प्रिया को फांसी से बचा पाएगी मां?

नई दिल्ली : अरब देश यमन में भारत की एक नर्स मौत की सजा का सामना कर रही है। उस पर एक यमनी की हत्या का दोषी ठहराया गया है। यमन के सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी महीने सजा के खिलाफ उसकी अपील खारिज कर दी है। इधर, नर्स की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसे यमन जाने की इजाजत दी जाए ताकि वह ‘ब्लड मनी’ देकर बेटी को बचाने की कोशिश कर सके। दिक्कत ये है कि 2017 में यमन में भड़के गृहयुद्ध के बाद से ही भारतीयों के वहां जाने को लेकर बैन लगा हुआ है। नर्स की मां की याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि एक हफ्ते के भीतर उसके यमन जाने को लेकर फैसला करे। हालांकि, कोर्ट ने नर्स को बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत करने के लिए केंद्र को आदेश देने से इनकार कर दिया। क्या है पूरा मामलाकेरल की निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। वह वहां नर्स के तौर पर काम करती थी। प्रिया को यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के जुर्म में सजा सुनाई गई है। बताया जाता है कि जुलाई 2017 में प्रिया ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। दरअसल, महदी ने नर्स के पासपोर्ट पर कब्जा कर लिया था और वह उसे इंजेक्शन लगाकर सुलाना चाहती थी ताकि उसके कब्जे से तब अपना पासपोर्ट हासिल कर सके जब वह बेहोश हो। लेकिन ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई। मौत की सजा के खिलाफ निमिषा प्रिया ने यमन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी लेकिन 13 नवंबर को उसकी अपील खारिज हो गई। निमिषा प्रिया ने खोला था अपना क्लीनिक और…निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ की रहने वाली है। ‘न्यूज मिनट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक वह अपने पति के साथ यमन गई थी। वहां परिवार आर्थिक संकट में घिर गया तो पति और बच्चे भारत लौट आए लेकिन निमिषा वहीं रुक गई। 2014 में उसने यमन में क्लीनिक खोलने के लिए तलाल अब्दो महदी से मदद मांगी जो उसके पति टोनी थॉमस का दोस्त था। महदी ने कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद 2015 में वह क्लीनिक खोलने में कामयाब हो गई। इसमें एक और नर्स अब्दुल हनान ने उसकी मदद की। लेकिन जब क्लीनिक चल निकला और अच्छी कमाई होने लगी तो महदी ने प्रिया से अपना हिस्सा मांगना शुरू कर दिया और उसे परेशान करने लगा। रिपोर्ट के मुताबिक, उसने श्दी के फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनवा लिए थे और दावा करता था कि निमिषा उसकी पत्नी है। महदी पहले से शादीशुदा था और निमिषा को अपनी दूसरी पत्नी बताता था। 2016 में निमिषा ने महदी की पुलिस में शिकायत कर दी जिसके बाद उसे कुछ दिन जेल में रहना पड़ा। लेकिन जेल से बाहर आते ही उसने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया। उसी पासपोर्ट को हासिल करने के लिए नर्स ने उसे बेहोशी का इंजेक्शन लगाया था लेकिन ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई। इस मामले में अब्दुल हनान नाम के नर्स को आजीवन कारावास की सजा हुई है जबकि निमिषा को सजा-ए-मौत हुई है। हालांकि, ‘इंडियाटाइम्स’ की 2020 की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, यमन में सिर्फ वहां के नागरिक ही क्लीनिक खोल सकते हैं। लिहाजा निमिषा और हनान ने मिलकर कुछ फर्जी दस्तावेज बनवाए जिसमें महदी और नर्स को पति-पत्नी दिखाया गया था। उस रिपोर्ट के मुताबिक, जब क्लीनिक खुल गया तब महदी ने उस फर्जी दस्तावेज के आधार पर दावा करने लगा कि निमिषा प्रिया उसकी दूसरी पत्नी है। उसने उसका पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया और उसे शारीरिक यातनाएं देने लगा। क्लीनिक के जरिए वह जो भी कमाई करती थी वह सब महदी हड़प लेता था। मां जाना चाहती है यमननिमिषा प्रिया की मां अपनी बेटी को बचाने के लिए यमन जाना चाहती हैं। चूंकि वहां भारतीयों के जाने पर ट्रैवल बैन लगा हुआ है इसलिए उन्होंने इस साल दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया कि उन्हें यमन जाने की इजाजत दी जाए। वह वहां जाकर पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ देकर अपनी बेटी को मौत के चंगुल से बचाने की कोशिश करना चाहती हैं। गुरुवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि एक हालिया नोटिफिकेशन के मुताबिक कुछ खास मामलों में भारतीय नागरिकों को एक निश्चित अवधि के लिए यमन जाने की इजाजत मिल सकती है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह एक हफ्ते के भीतर महिला के यमन जाने को लेकर फैसला करे। उधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी कहा कि सरकार इस पूरे मामले से वाकिफ है। उन्होंने कहा कि नर्स को कॉन्सुलर मदद मुहैया कराई जा रही है। क्या है ब्लड मनीयमन समेत अरब के तमाम देशों में हत्या के मामलों में ‘ब्लड मनी’ की व्यवस्था है। यह वह रकम होती है जिसे उस व्यक्ति के परिजन को दिया जाता है, जिसकी हत्या हुई है। बदले में परिजन उसे माफ कर देते हैं और हत्या का दोषी सजा से बच जाता है। अरब मुल्कों में हत्या पर मौत की सजा का प्रावधान है। लेकिन दोषी ‘ब्लड मनी’ अदा कर दे तो उसकी सजा माफ हो सकती है। इसके अनुसार अगर मरने वाले शख्स के परिजन चाहें तो हत्यारे से समझौता करके कुछ रकम लेकर उसे माफ माफ कर सकते हैं। कुछ न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक निमिषा प्रिया के मामले में मृत तलाल अब्दो महदी के परिजनों ने ब्लड मनी के तौर पर पिछले साल 5 करोड़ यमनी रियाल यानी करीब 1.52 करोड़ रुपये की मांग की थी।