गुजरात हाई कोर्ट में राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई जारी, सिंघवी ने किया सिद्धू का जिक्र, जानिए क्यों

अहमदाबाद: में की अपील पर सुनवाई हो रही है। राहुल गांधी की अपील पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक की कोर्ट में दलीलें रख रहे हैं। कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष रखते हुए सिंघवी ने की है। सिंघवी ने कहा कि जब को सजा पर स्टे मिल सकती है तो राहुल गांधी को क्यों नहीं? करीब डेढ़ घंटे लंबी दलीलों के दौरान सिंघवी ने सूरत कोर्ट द्वारा दी गई सजा पर सवाल खड़े किए। सिंघवी ने कई मामलों के रेफरेंस भी पेश किए। हाईकोर्ट में अपील पर सुनवाई के दौरान इस मामले में याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से दलीलें रखें जाने की उम्मीद है। सिद्धू के केस का जिक्र कोर्ट के चैंबर में पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित तौलिया और निरुपम नानावती मौजूद हैं। लंच का समय होने पर अदालत ने सुनवाई से ब्रेक लिया है। ब्रेक के बाद सिंघवी अपनी दलीलों को पूरा करेंगे। इसके बाद आगे की सुनवाई होगी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब राहुल गांधी को पहली बार तलब किया गया था तब प्रथम दृष्टया मजिस्ट्रेट के सामने कोई सबूत पेश नहीं किया गया था। बैठक में पूर्णेश मोदी भी मौजूद नहीं थे, उन्होंने कहा कि किसी ने मुझे व्हाट्सएप पर क्लिप भेजी लेकिन यह नहीं बताया कि किसने भेजा है। सिंघवी ने कहा सूरत कोर्ट का फैसला विकृत है। हम दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने नवजोत सिंह सिद्धू के केस का दिया हवाला दिया और कहा कि 302 और 307 के तहत नवजोत सिंह सिद्धू को भी कनविक्शन पर स्टे मिला था। कोई श्रेणी मौजूद नहीं सिंघवी ने दलीलें रखते हुआ कहा कि भाषण के मामले में तीन संभावनाएं होंगी। मैंने खुद भाषण सुना और मैं वहां था इसलिए शिकायत दर्ज करता हूं। दूसरा यह हो सकता है कि एक रिपोर्टर इसमें शामिल हो और एक कहानी दर्ज करे, वह गवाही दे सकता है। या अंत में, कोई अन्य व्यक्ति, जो कार्यक्रम में शामिल हुआ हो, भाषण को प्रमाणित कर सकता है। इस मामले में मौजूद गवाहों में से कोई भी उपरोक्त तीन श्रेणियों से नहीं है। इसके बाद सिंघवी ने ट्रायल कोर्ट में केस की सुनवाई, सुबूतों की पेशी और रवैए पर सवाल खड़े किए। सिंघवी ने मोदी समाज को लेकर भी कहा कि 13 करोड़ का दावा किया है, जबकि ऐसा नहीं है। सिंघवी ने इसके इलेक्ट्रॉनिक सबूत जो देरी से पेश किए उनकी प्रामाणिकता पर भी सवाल खड़े किए। सूरत कोर्ट के फैसले को चुनौती सूरत कोर्ट के फैसले को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सूरत की सेशंस कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राहुल गांधी की अर्जी खारिज कर दी थी। कांग्रेस नेता नेता अब मोदी सरनेम केस में सुनाई गई दो साल की सजा के खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में अपील दाखिल की है। कांग्रेस नेता की अपील पहले जस्टिस गीता गोपी की कोर्ट में सुनवाई के लिए गई थी, लेकिन जस्टिस गीता गोपी ने नॉट बिफोर मी कहकर खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। इसके बाद इस राहुल गांधी की अपील पर सुनवाई के लिए दूसरी सिंगल बेंच तय की गई थी। इसके बाद यह मामला जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक की कोर्ट में सूचीबद्ध हुआ था।