
क्लिप से पता चल रहा है कि मंडी जिले की जोगिंदरनगर सीट और चंबा में डलहौजी सीट पर टिकट से वंचित नेताओं ने चुनाव में बीजेपी के खिलाफ काम किया।सूत्रों ने कहा कि कई सीटों पर असंतुष्ट टिकट चाहने वाले और उनके समर्थक नामांकित पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करते रहे और भाजपा में बने भी रहे।पार्टी जाहिर तौर पर उन नामों की सूची तैयार कर रही है जिनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सकती है। गुटबाजी के अलावा कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी प्रमुख पवन काजल को मैदान में उतारने के लिए मंत्री की पसंदीदा सीट बदलने से कांगड़ा में भाजपा की चुनौती बढ़ सकती है। इतिहास बताता है कि कांगड़ा जिले में सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी आमतौर पर हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाती है।
ऑडियो में विधानसभा क्षेत्र से दूर के नेता को टिकट देने पर महिला नेता नाराजगी जता रही है। सफाई दे रही हैं कि स्थानीय प्रत्याशी को ही लोग जिताने में प्राथमिकता देते हैं। भाजपा की यह महिला नेता कह रही है कि हमीरपुर से तत्कालीन विधायक प्रेम कुमार धूमल, रविंद्र सिंह, कृपाल परमार को दूसरे जगह पर टिकट देकर उतारा गया। लेकिन, जनता ने उन्हें अस्वीकार करते हुए चुनावों में हराया। बावजूद इसके हाईकमान इन सब बातों को दरकिनार कर मनमर्जी से ही काम कर रहा है। बातों ही बातों में महिला नेता कांग्रेस प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित होने के भी संकेत दे रही।