रबी सीजन में हरियाणा के किसानों को मिलेगी 2.70 लाख मीट्रिक टन डीएपी

हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि प्रदेश में डीएपी व यूरिया की कोई कमी नहीं. रबी सीजन के लिए 2.70 लाख मीट्रिक टन यानि 54 लाख बैग डीएपी एलोकेट हो चुकी है. विभाग ने कृषि उर्वरकों के भंडार के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं. मंत्री ने बताया कि 15 अक्टूबर तक एक लाख 5 हजार 495 मिट्रिक टन डीएपी प्रदेश को प्राप्त हो चुकी है. इसी अवधी में 55 हजार 736 मिट्रिक टन डीएपी बिक्री की गई है और अब 49769 मिट्रिक टन स्टाक में उपलब्ध है.
दलाल ने बताया कि आगामी तीन चार दिनों में चार रेलवे रैक के माध्यम से 14800 मिट्रिक टन डीएपी व 18200 मिट्रिक टन यूरिया के सात और रैक उपलब्ध हो जायेंगे. इसके अलावा प्रदेश के किसानो को रबी फसल के लिए 11.5 लाख मिट्रिक टन यूरिया एलोकेट की गई है. इस प्रकार अब तक 311514 लाख मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध हो चुकी है और वर्तमान में 254395 लाख मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है.
मंत्री ने किसानों ने किसानों की ये अपील
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे जरूरत के अनुसार ही डीएपी व अन्य रासायनिक खाद खरीदें. किसान आगामी फसलों के लिए अभी से खाद का स्टॉक न करें. उन्होंने कहा कि नवंबर और दिसंबर माह के दौरान में फसल बिजाई में किसानों के समक्ष डीएपी व यूरिया की कमी नहीं रहेगी. किसानों को रबी फसल की बिजाई के लिए बीज की भी कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. उन्होंने बताया कि डीएपी, यूरिया, एनपीके तथा एसएसपी आदि खादों का रबी की बिजाई के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध करवा दिया जाएगा.मंत्री ने कहा की इस बार किसानों को डीएपी व यूरिया के लिए इधर उधर भटकने की जरूरत नही पड़ेगी.
उर्वरक कंपनियों को समय पर उपलब्ध करवाने के निर्देश
कृषि मंत्री ने उर्वरक कंपनियो के अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाएं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. किसान सरसों की बिजाई के लिए एसएसपी खाद का प्रयोग करें, क्योंकि एसएसपी में फास्फोरस के अलावा सल्फर तत्व भी पाया जाता है, जोकि सरसों की फसल में तेल की मात्रा को बढ़ाता है. इसके अलावा गेहूं की फसलों की बिजाई में एनपीके खाद का प्रयोग करें, जिसके तीन मुख्य तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश मौजूद होते हैं. इससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है तथा पैदावार भी अधिक होती है.
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