रसातल में गए अडानी के शेयर
कहां तो वो 10 दिन पहले दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी थे। अब उनकी संपत्ति रसातल में चली गई है। अभी तक उन्हें दुनिया का सबसे तेज गति से बढ़ता उद्योगपति बताया जा रहा था लेकिन हिंडनबर्ग से मिले झटके के बाद अडानी के शेयर पिछले 5 दिन से लगातार औंधे मुंह गिरता जा रहे हैं। अडानी ने अबतक 1 अरब डॉलर की संपत्ति गंवा दी है। महज 9 दिनों में दुनिया के टॉप अमीरों में शुमार अडानी अब टॉप 20 से बाहर हो गए हैं।
निवेशकों का भरोसा गिरा
ग्लोबल CIO के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ग्रे डुगन ने कहा कि बाजार में अभी चीजें काफी तेजी से बदल रही हैं। विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों में पैसा लगाने से पहले 100 बार सोचेंगे। निवेशक यहां पैसे का लगाने से पहले खतरे को भांपने की कोशिश करेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार अगर अडानी के शेयरों की कीमत इसी तरह गिरती रही लेकिन निवेशकों का कॉन्फिडेंस डोल जाएगा। ऐसे में बेहत अहम समय में ये भारत के विकास के लिए एक तरह से झटका होगा। अब सवाल उठता है कि क्या अडानी के गिरते शेयर अभी खरीदने का वक्त है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अभी कुछ दिन तो निगरानी करनी पड़ेगी। इस कत्लेआम के बीच निवेश करना सही फैसला नहीं होगा।
रेटिंग एजेंसियां भी निवेशकों को रही हैं सतर्क
ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विस Natixix SA एशिया-प्रशांत के मुख्य अर्थशास्त्री अलिसा गार्शिया (Alicia Garcia) ने कहा कि अडानी का मामला सही समय पर सामने नहीं आया है क्योंकि चीन अब पूरी तरह से अपनी सीमा खोल रहा है। एपल इंक चीन की जगह भारत में निवेश की तैयारी में जुटा है। ऐसे में अडानी प्रकरण पर दुनिया के निवेशक बड़ी बारीक नजर रख रहे होंगे।
देश की अर्थव्यवस्था पर भी होगा असर
ज्यूरिख स्थित GAM इन्वेस्टमेंट के फंड मैनेजर जियान शाइ क्रोट्सी ने कहा कि अडानी की खबरें नकारात्मक माहौल बना रहे हैं। ऐसे में विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों में पैसे लगाने से पहले जरूर सोचने लगेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि हम ये नहीं कह रहे हैं भारतीय बाजार के अडानी के कारण गिर रहे हैं लेकिन इसका असर ये हो सकता है कि भारतीय बाजार चीन की तुलना में कमजोर हो सकते हैं।
निवेशकों के डूब गए 10 लाख करोड़!
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी के शेयरों में जोरदार बिकवाली हो रही है। , अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस, अडानी विल्मर, एनडीटीवी जैसी अडानी की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है और निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए हैं।
अडानी की बढ़ी मुसीबत
अडानी की मुसीबतों कम होने के बजाए बढ़ ही रही है। डाउ जोंस सस्टेनबिलिटी इनडायसेस ने कहा है कि वो अडानी एंटरप्राइजेज को ईएसजी इंडेक्स से हटा रहा है। उधर क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि वह अडानी की आउटस्टैंडिंग रेटिंग को अब निगरानी में रख चुका है।