उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन अतिसिद्ध व चमत्कारी नगरी है. कोई यहां श्री महाकालेश्वर का भक्त है तो कोई 51 शक्तिपीठों मे से एक मां हरसिद्धि का. इस नगरी में भगवान महाकाल के सेनापति कालभैरव का भी एक स्थान है जो कि हर दिन मदिरा पान करते हैं. इन देव स्थलों के साथ ही ढाबा रोड पर एक ऐसा हनुमान मंदिर भी है जिसके भक्त आम ही नहीं बल्कि खास भी हैं. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी इनके बहुत बड़े भक्त हैं. बताया जाता है कि महानायक अमिताभ बच्चन कभी इस मंदिर में भगवान के दर्शन करने तो नहीं आए लेकिन हर साल ट्विटर पर श्री गेबी हनुमान का फोटो पोस्ट कर अपनी आस्था जरुर व्यक्त करते हैं.
शहर की ढाबा रोड पर श्री गेबी हनुमान का अति प्राचीन मंदिर है. जहां विराजित श्री हनुमान की प्रतिमा अत्यंत दिव्य और चमत्कारी है. श्री गेबी हनुमान का यह स्थान इतना चमत्कारी माना जाता है कि सिर्फ मंदिर में भगवान के दर्शन करने से ही सारी बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
अभिताभ बच्चन की भी है श्री गेबी हनुमान मंदिर में गहरी आस्था
मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार दास ने बताया कि वैसे तो श्री गेबी हनुमान के लाखों भक्त हैं लेकिन महानायक अमिताभ बच्चन भी साल में लगभग 12 से 15 बार इनकी फोटो ट्विटर पर अपलोड करने के साथ ही उनके प्रति अपनी आस्था को व्यक्त करते हैं. पंडित दास ने बताया कि वैसे तो अमिताभ बच्चन कभी खुद मंदिर नहीं आए हैं लेकिन श्री गेबी हनुमान के ज्योति नगर निवासी भक्त सूर्यकुमार गौड़ जरूर महानायक अमिताभ बच्चन से जुड़े हुए हैं जो कि उन्हें मंदिर की फोटो और वीडियो भेजते रहते हैं यही कारण है कि समय-समय पर महानायक अमिताभ बच्चन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर श्री गेबी हनुमान की फोटो अपलोड करते हैं.
T 4581 – प्रार्थना ।। प्रबल ।। 🕉 pic.twitter.com/fJ7XVA3wip
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) March 10, 2023
देश का पहला स्थान हैं जहां हिंगलू और चमेली के तेल से होता है बजरंगबली का श्रृंगार
गेबी हनुमान की मूर्ती बेहद चमत्कारिक मानी जाती है. बजरंगबली को रोजाना हिंगलु यानी लाल रंग और चमेली के तेल से श्रृंगार कराया जाता है. यहां गुड़-चना चढ़ाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं. मंदिर से अभिमंत्रित किया हुआ एक काला धागा पहनने से किसी को बुरी नजर नहीं लगती. खासकर बच्चों को लेकर माता-पिता भी बड़ी संख्या में आते हैं. देश में पहला स्थान हैं जहां हनुमानजी का श्रृंगार हिंगलू और चमेली के तेल से होता है.
बावड़ी से निकली थी गेबी हनुमान की प्रतिमा
मंदिर के पुजारी पंडित राजकुमार दास ने बताया की श्री गेबी हनुमान की उत्पत्ति की अलग ही कहानी है. कई साल पहवे यहां के स्थानीय निवासी को श्री गेबी हनुमान ने सपने दिया था कि मुझे इस बावडी से बाहर निकालो. जिसके बाद उन्हे बावडी से बाहर निकाल यही विराजित कर दिया गया था. हनुमान जी को जब बाहर निकाला गया तो उनका स्वरूप लाल था. उस वक्त उनका नाम गेबी हनुमान पड़ा. गेबी हनुमान के पैरों के नीचे अहिरावण की कुल देवी की प्रतिमा है.
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कहते हैं गेबी हनुमान जी के दर्शन करने से किसी को भी नजर नहीं लगती है. जो भी कोई भक्त शनिवार और मंगल का व्रत कर हनुमान जी से मनोकामना करता है वो पूर्ण होती ही है. अभी तक यहां से ऐसा कोई भक्त नहीं है जो खाली गया हो या जिसकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई हो. जो भी कोई भक्त मनोकामना करता है उसके बाद वह 21 दिन तक आटे के दिए गेबी साहब को लगाता और जब मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो फिर उल्टी गिनती 21 से एक तक दीपक लगाता है.
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