Hanuman Jayanti 2023: यहां बजरंगबली को कहते हैं ‘रोकड़िया हनुमान’, जानें तिल-तिल बढ़ने वाले स्वयंभू पवनपुत्र की कहानी

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रोकडिया हनुमान जी के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. करीब 500 साल पहले यहां हनुमान जी की मूर्ति स्वयंभू प्रकट हुई थी. यह मूर्ति तिल तिल करके बढ़ रही है. इस समय यह मूर्ति 5 फुट से अधिक हो गई है. यहां हनुमान जयंती के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है . यहां हनुमान जी के दर्शन के लिए मध्य प्रदेश ही नहीं, आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से 5 किलोमीटर दूर पूर्व में उख्खड गांव जिसे अब फतेहपुर के नाम से जाना जाता है, यहीं पर रोकडिया हनुमान जी का भव्य मंदिर है. मान्यता है कि 500 वर्ष पूर्व हनुमान जी यहां स्वयंभू प्रकट हुए थे. देखते ही देखते इन हनुमान जी की इतनी ख्याति हो गई कि दूर-दूर से भक्त इनके दर्शन पूजन के लिए आने लगे. इस ख्याति की बड़ी वजह दर्शन मात्र से मनोकामनाओं की पूर्ति होना है.ऐसी मान्यता है कि अगर कोई आर्थिक तंगी का भी सामना कर रहा हो तो हनुमान जी की कृपा से उसे नगद रुपए भी प्राप्त हो जाते हैं. प्राचीन रोकड़िया हनुमान मंदिर में एक कुआं भी है.

ये भी पढ़ें:Hanuman Jayanti 2023: आज है हनुमान जयंती, जानें बजरंगी की पूजा विधि, नियम और महाउपाय

कहा जाता है कि मुगल काल में व्यापारी अपना धन और सामान रोकड़िया हनुमान मंदिर के पास इस कुएं में छुपा देते थे. इसके बाद रोकडिया हनुमान जी खुद इस धन और सामान की सुरक्षा करते थे. इसके चलते ही इन हनुमान जी का नाम ही रोकड़िया हनुमान जी पड़ गया. यहां करीब 3000 स्क्वायर फीट में एक कमेटी हॉल और हनुमान जी का भव्य मंदिर निर्मित है. यह मंदिर मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के संरक्षण में है. यहां कुएं में एक प्राचीन शिलालेख भी है. रोकडिया हनुमान जी का वर्ष में दो बार भव्य मेला लगता है. पहला मेला हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित होता है. वहीं दूसरा मेला जनवरी में पौष पूर्णिमा के दिन होता है.

ये भी पढ़ें:Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जयंती की पूजा का पुण्य फल पाने के लिए क्या करें, क्या न करें

इस दिन मध्यप्रदेश के साथ आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में भक्त अपनी मनोकामना लेकर रोकडिया हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. विगत 60 वर्षों से रोकड़िया हनुमान मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे नरेंद्र वाणी बताते हैं कि 60 वर्ष पूर्व मंदिर में स्थापित रोकडिया हनुमान जी की मूर्ति लगभग ढाई फीट की थी. स्थापना के बाद से ही यह मूर्ति तिल तिल कर बढ़ रही है. इसके चलते आज यह मूर्ति साढ़े 5 फीट की हो चुकी है. लोग इसे बजरंगबली का चमत्कार बताते हैं.