नई दिल्ली/पैरिस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ्रांस दौरा ऐतिहासिक रहा। इसका अंदाजा इस बात से लगाएं कि मोदी को खाना खिलाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम खोल दिया गया। बैस्टिल डे के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पैरिस के लौवर म्यूजियम में भोज दिया। यहां मोनालिसा समेत दुनिया की सबसे मशहूर कलाकृतियां रखी हैं। शुक्रवार रात को म्यूजियम में मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। आखिरी बार फ्रांस ने यहां राजकीय भोज 1957 में महारानी एलिजाबेथ के सम्मान में दिया था। स्टेट डिनर के दौरान दो बार ‘जय हो’ गीत बजाया गया। फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के इस गीत के लिए भारतीय संगीतकार एआर रहमान को ‘ऑस्कर’ अवार्ड से नवाजा गया था। लौवर म्यूजियम में बैस्टिल डे पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं लेकिन भोज कार्यक्रम के चलते इसे बंद कर दिया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि मोदी के लिए खाने के मेन्यू में व्यंजन भी भारतीय तिरंगे के रंग नजर आए जो फ्रांस के प्रोटोकॉल के विपरीत है क्योंकि वे हमेशा फ्रांसीसी रंगों का ही इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि व्यंजन सूची में खास तौर से शाकाहारी पकवान शामिल थे।PM मोदी के लिए यादगार रही फ्रांस की यात्रापीएम मोदी ने फ्रांस की अपनी यात्रा को ‘यादगार’ करार दिया। उन्होंने कहा कि कहा कि भारतीय टुकड़ी को बैस्टिल दिवस परेड में हिस्सा लेते देखना शानदार था। मोदी ने परेड की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, ‘फ्रांस की यात्रा यादगार रही। यह इन मायनों में भी खास रही कि मुझे बैस्टिल दिवस परेड में शामिल होने का अवसर मिला। भारतीय टुकड़ी को इसमें हिस्सा लेते देखना शानदार रहा। मैं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और फ्रांस के लोगों के गर्मजोशी भरे बर्ताव के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। भारत और फ्रांस के बीच मित्रता बढ़ती रहे।’ भारत की तीनों सेनाओं के एक दल ने बैस्टिल डे परेड में हिस्सा लिया। इसके अलावा, फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायुसेना (IAF) के राफेल लड़ाकू विमान भी ‘फ्लाईपास्ट’ में शामिल हुए। फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस या बैस्टिल दिवस का फ्रांस के इतिहास में एक विशेष स्थान है। यह दिन 1789 में हुई फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बैस्टिल जेल पर हुए हमले की याद दिलाता है। इस समारोह का मुख्य आकर्षण बैस्टिल दिवस परेड होती है। (एजेंसी इनपुट्स)