नई दिल्ली: मुसीबत में फंसे अडानी ग्रुप (Adani Group) को कोई भाव देने को तैयार नहीं था। 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट के कारण ग्रुप के शेयर अर्श से फर्श पर पहुंच गए थे। 37 दिन तक शेयरों में आई गिरावट से इनवेस्टर्स और लेंडर्स के मन में तरह-तरह की आशंकाएं तैर रही थी। उन्हें अपना निवेश डूबता हुआ नजर आ रहा था। ऐसे में बुधवार को अचानक खबर आई कि अडानी ग्रुप के प्रमोटर्स से चार कंपनियों में 21 करोड़ शेयर 15,556 करोड़ रुपये में बेच दिए। इस खबर ने अडानी ग्रुप के लिए संजीवनी का काम किया। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिकूल के फैसले बावजूद गुरुवार को अडानी ग्रुप के सभी शेयर तेजी के साथ बंद हुए। हफ्ते के अंतिम दिन भी ग्रुप के शेयरों में भारी तेजी दिख रही है। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का शेयर तो कारोबार के दौरान 18 फीसदी तक चढ़ गया। आखिर कौन है जिसने मुसीबत में घिरे अडानी ग्रुप के लिए संजीवनी का काम किया।अडानी ग्रुप के प्रमोटर एसबी अडानी फैमिली ट्रस्ट (SB Adani Family Trust) ने गुरुवार को ओपन मार्केट के जरिए चार कंपनियों के 21 करोड़ शेयर 15,556 करोड़ रुपये में बेच दिए। यह ट्रस्ट प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा है। ब्लॉक डील डेटा के मुताबिक ट्रस्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (APSEZ), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) में हिस्सेदारी बेची है। अमेरिका की कंपनी जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने सेकेंडरी ब्लॉक ट्रेड टांजैक्शंस के जरिए यह हिस्सेदारी खरीदी। जीक्यूजी ने अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों 1,410.86 रुपये, एपीएसईजेड के शेयर 596.20 रुपये, अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 668.4 रुपये और अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर 504.6 रुपये के भाव पर खरीदे। कौन हैं राजीव जैनजीक्यूजी पार्टनर्स दुनिया की प्रमुख ग्लोबल एंड एमर्जिंग मार्केट्स इनवेस्टर्स फर्म है। 31 जनवरी, 2023 के आंकड़ों के मुताबिक यह कंपनी 92 अरब डॉलर से ज्यादा क्लाएंट एसेट्स मैनेज करती है। इस एसेट मैनेजर फर्म का मुख्यालय अमेरिका के फ्लोरिडा में है। इसके दफ्तर न्यूयॉर्क, लंदन, सिएटल और सिडनी में हैं। यह कंपनी ऑस्ट्रेलिया के सिक्योरिटीज एक्सचेंज में लिस्टेड है। मजेदार बात है कि इसकी अधिकांश हिस्सेदारी इसके ही कर्मचारियों के पास है। यह 2021 में ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ा आईपीओ लाई थी। कंपनी ने इसके जरिए 1.187 अरब डॉलर जुटाए थे और इसकी लिस्टिंग 5.91 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ हुई थी।GQG Partners की स्थापना जून 2016 में राजीव जैन ने की थी। वह इस कंपनी के चेयरमैन और सीआईओ भी हैं। जैन का कहना है कि जब वह हाई स्कूल में थे तभी उन्होंने अपना पहले स्टॉक खरीद लिया था। वह 22-23 साल से लोगों के पैसों को मैनेज कर रहे हैं। जैन ने करीब 22 साल तक Vontobel Asset Management में काम किया। इसमें वह को-चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर, चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर और हेड ऑफ इक्विटीज जैसे पदों पर रहे। साथ ही वह Swiss Bank Corporation में International Equity Analyst भी रहे। राजीव जैन के निवेश का फंडाभारत में जन्मे राजीव जैन ने यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी से फाइनेंस एंड इंटरनेशनल बिजनस में एमबीए किया है। राजीव कहते हैं, हमारा लक्ष्य सिंपल है। हम अपने क्लाइंट के पैसों को बढ़ाते हैं। इसके लिए हमें अपने एसेट्स को मुश्किल मार्केट्स में बचाने और उभरते बाजारों में निवेश करने की जरूरत है। यही हमारी निवेश की रणनीति है। हम निवेश के परंपरागत तरीके पर नहीं चलते हैं। हम ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जो अगले पांच साल में आपको मालामाल कर दे। फरवरी 2022 में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, Chuck Prince ने 2007 में कहा था कि आपको उस समय डांस करना चाहिए जब पार्टी चल रही हो। लेकिन हमारा मानना है कि आप म्यूजिक बंद होने तक इंतजार नहीं कर सकते हैं। आपको कुछ तैयारी करनी चाहिए। टेक्नोलॉजी नेक्स्ट ग्रोथ स्टोरी नहीं है, इसका समय निकल गया है। जैन ने उस इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें एनर्जी सेक्टर से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि दुनिया फॉसिल फ्यूल से नेट जीरो इकॉनमी की तरफ बढ़ रही है। अडानी ग्रुप रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन हाइड्रोजन पर बड़ा दांव खेल रहा है। ग्रुप ने इस सेक्टर में 75 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है। इसे देखते हुए अडानी ग्रुप में GQG की मेगा ब्लॉक डील की सही दांव कहा जा सकता है। दो दिन में ही GQG ने अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त कमाई कर ली है। उसने अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 1,410.86 रुपये में खरीदा था और आज यह 1879.35 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह GQG को कंपनी के हर शेयर पर 470 रुपये का मुनाफा हो चुका है।