‘गुरु की इच्छा हुई पूरी…’ 83 वर्षीय महिला जोधइया अम्मा को मिला पद्मश्री सम्मान

उमरिया-जिले की 83 वर्षीय आदिवासी महिला जोधइया अम्मा को कला के क्षेत्र में पद्म श्री सम्मान दिया गया है. गणतंत्र दिवस की के 1 दिन पूर्व जोधइया अम्मा को पद्म श्री सम्मान मिलने की सूचना आने के बाद पूरे जिले में खुशी का माहौल हो गया.जोधइया अम्मा जिले के लोढ़ा में स्थित जनगण तस्वीर खाना से आदिवासी कला की शुरुआत की और आज अम्मा को कला के क्षेत्र में पद्म श्री सम्मान दिया गया.
गुरु की इच्छा अम्मा को मिले सम्मान
जोधइया बाई के गुरु आशीष स्वामी जो अब इस दुनिया में नहीं है. उनकी इच्छा थी कि अम्मा को पद्म श्री सम्मान मिले और आज अम्मा को पद्म श्री सम्मान मिल गया.अम्मा आदिवासी कला में लगातार काम कर रही थी और अम्मा की बनाई पेंटिंग विदेशो में भी प्रसिद्ध है.अम्मा आदिवासी कला को आगे बढ़ाने के लिए लगातार मेहनत कर रही थी.
अम्मा का कठिन जीवन
जोधइया अम्मा की कम उम्र में शादी हो गई.और पति की मौत हो गई.और बच्चों के पालन पोषण के लिए मजदूरी करने लगी.और फिर गुरु आशीष स्वामी से मिली और चित्रकारी शुरू की. जनगण तस्वीर खाना 2008 में शुरू हुआ और लगातार मेहनत के बाद आज अम्मा को पद्म श्री सम्मान मिला.
नारी शक्ति सम्मान
जोधइया अम्मा को पहले नारी शक्ति सम्मान भी मिल चुका है.अम्मा को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति सम्मान प्रदान किया था.
अम्मा का कठिन जीवन 83 वर्षीय जोधइ या अम्मा का जीवन बहुत कठिन था.कम उम्र में शादी हो जाना और उसके बाद पति की मौत हो जाने के बाद अम्मा मजदूरी की ओर अपने परिवार का भरण पोषण किया.और फिर आदिवासी कला को बढ़ाने में लगातार मेहनत की और आज पद्मश्री सम्मान मिला.
जोधइया अम्मा ने बताया आशीष स्वामी मेरे गुरु हैं और उन्होंने मुझे चित्रकारी सिखाई है मैं बहुत गरीब परिस्थिति में थी और मजदूरी गारा का काम करती थी इसके बाद आशीष स्वामी आए और मुझे धीरे-धीरे करके चित्रकारी सिखाया और पेंटिंग बनाना सिखाए पहले मिट्टी फिर कागज और लकड़ी और लौकी और तुरई में मैं पेंटिंग की और आज मुझे पद्मश्री मिला मैं बहुत खुश हूं.यह सम्मान में अपने गुरु को समर्पित करती हूं अम्मा के परिवार में दो लड़के बहू और नाती हैं.