भोपाल: मध्य प्रदेश में पांचवीं बार विधानसभा चुनाव जीतने को आतुर भारतीय जनता पार्टी ने फिर से अपने किले को और मजबूत करने के लिए मुक्कमल प्लान बना लिया है. इसी साल अक्टूबर में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी कई कड़े और महत्वपूर्ण फैसले लेने वाली है. मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए जमीन पर काम कर रहे पार्टी सूत्रों का दावा है की वो फिर एक बार बड़े मार्जिन से चुनाव जीते इसको ध्यान में रखते हुए शीघ्र कई अहम निर्णय लिए जाने वाले हैं.
पार्टी सूत्रों का दावा है कि सबसे पहले बीजेपी करीब 90 से 100 नए विधानसभा उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी. करीब 40 फीसदी नए उम्मीदवारों को बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मौका देगी. 2018 विधानसभा चुनाव में हारी हुई 100 सीटों में से ज्यादातर सीटों पर नए प्रत्याशियों को पार्टी टिकट देगी. जबकि जीती हुई 130 सीटों में से भी 10-15 फीसदी से ज्यादा सीटों पर मौजूदा मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटे जाएंगे.
इसमें खासतौर पर उन मंत्रियों और विधायकों का टिकट काटा जाएगा जो या तो 3-4 बार से लगातार जीत रहे हैं और जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है. साथ ही उन नेताओं का भी टिकट कटेगा, जिनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी ज्यादा है. इस क्रम में पार्टी के कुछ ऐसे नेता जिनका कद राज्य की राजनीति में बड़ा है, उनके भी टिकट कटेंगे. पार्टी सूत्र का कहना है कि उम्मीदवार की सूची के लिए अब किसी भी एक नेता का जोर नही चलेगा, क्योंकि अभी तक तीन से अधिक सर्वे हो चुके हैं इसके अलावा संगठन का सर्वे अलग है.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने ये भी तय किया है की वो 10 प्रतिशत वोट बैंक बढ़ाएगी. गुजरात विधानसभा चुनाव की तरह मध्य प्रदेश में भी वोट प्रतिशत बढ़ाने पर विशेष फोकस किया है. मध्य प्रदेश में 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लगभग 41% वोट मिला था, जिसमें अब 10% प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 51% करने का लक्ष्य रखा गया है.
इसके लिए बीजेपी के समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फौज दिन रात काम में जुट गई है. इस बार पार्टी ने 230 विधानसभा क्षेत्रों में से कम से कम 175 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए तमाम आकलन 2013, 2018, 2014 और 2019 के बूथ के वोटिंग पैटर्न के हिसाब से किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश की इस चुनावी प्रक्रिया से जुड़े पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता का मानना है कि 230 विधायकों वाली विधानसभा में बीजेपी के फिलहाल 130 विधायक हैं. इस बार पार्टी ने उन 100 हारी हुई सीटों पर चुनाव जीतने के लिए विशेष योजना बनाई है. इन सभी सीटों पर बीजेपी एक विधानसभा प्रभारी नियुक्त करने जा रही है. इनकी नियुक्ति को लेकर अब तक करीब 4-5 बैठक हो चुकी हैं.
इसके आलावा मध्य प्रदेश के इन सभी 100 हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक विस्तारक को भी नियुक्त करने का फैसला हुआ है. यानि पार्टी ने हारे हुए सभी 100 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 2 डेडीकेटेड पार्टी कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव तक के लिए परमानेंटली बैठाने का फैसला किया है. ये दोनों ही कार्यकर्ता उस विधानसभा और उस जिले के निवासी नहीं होंगे, जहां उन्हें काम पर लगाया जाएगा. इसे लागू करने के लिए प्रदेश स्तर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक 26 फरवरी से शुरू होगी.
बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जीत के लिए एक 360 डिग्री बूथ एक्शन प्लान बनाया है. गुजरात में पन्ना समिति को लागू कर मिली सफलता को और बेहतर ढंग से इंप्लीमेंटेशन मध्य प्रदेश में करने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत पूरे प्रदेश के सभी 65,000 बूथों को तकनीकी तौर पर कनेक्ट किया गया है. इसका मतलब ये है कि कोई भी बीजेपी नेता एक एप के जरिए किसी भी बूथ पर कभी भी बूथ स्तर के पार्टी कार्यकर्ता से बात कर सकता है. इसके लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ता को तैयार किया गया है. अब तक प्रदेश के 63,000 से ज्यादा बूथों पर 2 पार्टी के तैयार और समर्पित कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी ने इसका लाइव डेमो और सत्यापन भी कर लिया है.
जानना जरूरी है की आखिर क्या है बीजेपी के 360 डिग्री एक्शन प्लान का मतलब? सबसे पहले हर एक बूथ पर पार्टी के 2 महत्वपूर्ण कार्यकर्ता नियुक्त किए गए हैं, जो बूथ स्तर पर विकास से जुड़ी क्या-क्या समस्या हैं, इसको देखते हैं और उसको दूर करने के तरीके बतातें हैं. अभी से ही समय रहते हुए उनकी बताई समस्याओं का निदान दिया जा रहा है. ये बूथ कार्यकर्ता संगठन के अलावा सरकार के साथ मिलकर काम करवा रहे हैं. बूथ लेवल के ये कार्यकर्ता जिस बूथ के इलाके में सड़क नही है, वहां सड़क बनवा रहे हैं, जहां नाली की समस्या है वहां नाली बनवा रहे हैं.
ये बूथ कार्यकर्ता सरकारी योजना को लेकर जो भी दिक्कतें हैं, उसको स्थानीय नेता और अधिकारियों से मिल कर दूर कर रहे हैं. ये बूथ कार्यकर्ता अपने-अपने संबंधित बूथों के सभी वोटर्स के मोबाइल नंबर, नाम, वोटर आईडी नंबर, समेत लोकल समस्या और उसका कैसे निदान किया या नहीं हुआ, ‘निदान एक एक चीज’ की रिपोर्ट एप के जरिए लगातार दे रहे हैं. इस एप के जरिए मिल रही जानकारियों की मॉनिटरिंग भोपाल में बैठे संगठन और सरकार के लोग ज्वाइंटली रोजाना वार रूम में बैठकर कर सकते हैं.
इन बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से मिली पूरी जानकारी के आधार पर नए वोटरों को टारगेट करने और अपना बनाने की विधा भी पूछी जा रही है. इसके अलावा लगातार एक महीने से सरकार के मंत्रियों की सरकारी यात्रा चल रही है, जिसमे मंत्री ब्लॉक और जिले स्तर पर यात्रा करके लोगों की जन सुनवाई कर रहे हैं और समस्या का ऑन स्पॉट निदान निकाल रहे हैं. इस दौरान तमाम सरकारी अधिकारी भी मौजूद होते हैं जो एक्शन लेते हैं. इन सबकी रीयल टाइम रिपोर्ट एप के जरिए टॉप लीडर्स तक पहुंचती है.