अहमदाबाद: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा संभालने के बाद राज्य सभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस चीफ शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया है कि राज्य की बीजेपी सरकार ने दो अलग-अलग बिजली समझौतों के तहत बीते पांच सालों में मुंद्रा लिमिटेड को 3900 करोड़ रुपये अतरिक्त भुगतान किया है। शक्तिसिंह गोहिल ने इसे भयमुक्त भ्रष्टाचार का उदाहरण करार दिया है। प्रेस कांफ्रेंस में दस्तावेजों के साथ सामने आए शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि इस खामियाजा गुजरात के लोगों को उठाना पड़ा है। गोहिल के आरोपों पर राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने जवाब देते हुए आरोपों को नकारा है। पटेल ने कहा कि अडानी की कंपनियों को जो भुगतान किया गया वे सिर्फ अंतरिम है और अंतिम नहीं है। गोहिल के आरोपों पर बोली सरकार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने राजीव भवन में एक प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ताओं की मौजूदगी में गुजरात सरकार की अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड को 3900 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भुगतान पर सवाल खड़े किए थे। शक्तिसिंह गोहिल ने कहा था कि बीजेपी की सरकार में बेखौफ भ्रष्टाचार चल रहा है। प्रतिष्ठित उद्योगपतियों को अमीर बनाने के लिए बीजेपी शासन में गुजरात के सरकारी खजाने की खुली लूट चल रही है। गोहिल ने कहा था कि सरकार जवाब दे। गोहिल के आरोपों को गुजरात सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने गुमराह करने वाला करार दिया है। पटेल का कहना है कि यह भुगतान अंतरिम और अंतिम नहीं है। क्या है 3900 करोड़ का मामला? गोहिल ने कहा था कि गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड () ने बिजली की खरीद के लिए अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड के साथ बिजली खरीद समझौता (पीपीए) किया। इस पावर परचेज एग्रीमेंट के अनुसार, जो अडानी पावर मुंद्रा लिमिटेड को कोयला खरीद ऊर्जा शुल्क की कीमत पर भुगतान करने की योजना थी। अडानी पावर द्वारा खरीदे गए कोयले के बिलों के सभी दस्तावेज और पारदर्शिता प्रस्तुत की जानी चाहिए और फिर गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को इसकी जांच करनी चाहिए। जिससे यह ध्यान में रखा जा सके कि क्या अदानी द्वारा खरीदा गया कोयला कम कीमत का है। गोहिल ने कहा कि 2018 से 2023 तक पांच साल की अवधि में अडानी को 13,802 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। जो कि देय धनराशि 9,902 करोड़ रुपये से 3,900 करोड़ रुपये अधिक है। रकम वापस लौटाने को लिखा पत्र शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जब अफसरों के लगा कि वे इस मामले में फंस सकते हैं तो अब उन्होंने अधिक भुगतान की बात मानी है। गोहिल ने कहा कि गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड ने अडानी पावर लिमिटेड से अनुरोध किया है कि 3,900 करोड़ रुपये अधिक भुगतान किया है। इस रकम को वापस करने को कहा है। शक्ति सिंह गोहिल का आरोप है कि अडानी को चुकाई गई अधिक रमम पर ब्याज वसूलने के लिए क्यों नहीं लिखा गया? किसके कहने पर अडानी को पांच साल तक बिना बिल के करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया? अडानी से अब तक कितने रुपये वसूले गए? 3900 करोड़ के बेखौफ भ्रष्टाचार में कौन शामिल है? वहीं कांग्रेस पार्टी की मांग है कि इन सभी सवालों को लेकर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि किसके कहने पर इतनी बड़ी रकम कंपनी को दी गई।