Gujarat Election : इदर विधानसभा सीट पर चार दशक से कांग्रेस को नहीं मिली जीत, यहां मजबूत है BJP

गुजरात विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं. गुजरात चुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में उतर चुकी है. बसपा और ओवैसी की एआईएमआईएम भी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं, ऐसे में सभी पार्टियां जातीय समीकरण को साधने में जुटी हैं, कभी कांग्रेस ने जातीय समीकरण को साध कर यहां सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी, वर्तमान में भाजपा यहां काबिज है. गुजरात की साबरकांठा जिले में आने वाले इदर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस सीट पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी, आंकड़ों के लिहाज से देखें तो पिछले तीन दशक से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है.
इदर सीट का राजनीतिक समीकरण
गुजरात की साबरकांठा जनपद की इदर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा सीट पर 2017 में भारतीय जनता पार्टी के कनोडिया ने कांग्रेस के मणि भाई जेठाभाई को 14813 मतों से हराया था. खास बात ये है कि इस सीट पर कांग्रेस 1980 के बाद से आज तक नहीं जीती है, 4 दशकों से कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन उसे हर चुनाव में ही हार का सामना करना पड़ रहा है. वहीं भाजपा 1995 से इस सीट पर लगातार जीत दर्ज कर रही है. इससे पहले 1980 और 1985 में यहां करसनदास हीराभाई क्रमश: जनता पार्टी और जनता दल से विधायक चुने गए थे.
इदर सीट का जातिगत समीकरण
गुजरात के साबरकांठा जिले में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या है. जो कि करीब 20% तक हैं. इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 6 फीसदी है, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी 2 फीसद है, कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां 82 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, वहीं शहरी क्षेत्र के मतदाताओं की संख्या महज 18 फीसद है.