बीकानेर : राजस्थान के बीकानेर शहरमें शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव का शुभारंभ हेरिटेज वॉक के साथ हुआ। यह वॉक लक्ष्मीनाथ जी मंदिर से रामपुरिया हवेली तक आयोजित की गई, जिसमें बीकानेर की स्थापत्य कला, स्वादिष्ट व्यंजन और ललित कलाओं के विभिन्न रंगों ने सभी को आकर्षित किया। वॉक में देशी-विदेशी सैलानियों, स्थानीय निवासियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत की छटा हर कदम पर बिखरी नजर आई।बीकानेर ऊंट उत्सव के पहले दिन बना वर्ल्ड रिकॉर्डहेरिटेज वॉक के दौरान लोक कलाकार पवन व्यास ने 2,025 फीट लंबी पगड़ी बांधकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस अवसर पर नगाड़ा, मश्क, चंग और बांसुरी वादन के साथ भजन गायन की प्रस्तुतियां भी दी गईं। देशी-विदेशी सैलानियों ने मथेरण, बंधेज, पॉटरी, सुनहरी कलम और साफा बांधने की कला को नजदीक से देखा। भांडाशाह जैन मंदिर के पास हरियाणवी रागड़ी की प्रस्तुति दी गई, जबकि चूड़ी बाजार में लाख की चूड़ी बनाने और मिट्टी के बर्तन तैयार करने की कला का प्रदर्शन हुआ।बीकानेरी स्वाद का लुत्फसैलानियों ने भुजिया, घेवर और जलेबी बनाने की कला को करीब से देखा और उनके स्वाद का आनंद लिया। मरूनायक चौक में ब्लॉक और स्क्रीन प्रिंटिंग का प्रदर्शन किया गया। मोहता चौक में पारंपरिक भोजन बनाने का प्रदर्शन हुआ, जहां कचौड़ी और रबड़ी का स्वाद सैलानियों को खास पसंद आया। भपंग वादन, गणगौर गीत, कठपुतली के खेल और अन्य लोक कलाओं ने वॉक को और भी खास बना दिया।विरासत की झलकियों के साथ सैल्फी और अपनायत हेरिटेज वॉक का समापन रामपुरिया हवेलियों के पास हुआ। यहां उस्ता कला, हवेली संगीत और कच्छी घोड़ी नृत्य नाटिका की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। सजे-धजे रास्तों और सांस्कृतिक विरासत के बीच सैलानी सेल्फी लेते और बीकानेर की अपनायत का अनुभव करते नजर आए। कई स्थानों पर स्थानीय निवासियों ने फूलों की बारिश और मालाओं से सैलानियों का स्वागत किया। बीकानेर की इस गर्मजोशी ने सैलानियों को भावविभोर कर दिया।प्रमुख अधिकारियों की भागीदारीइस आयोजन में जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर, निगम आयुक्त मयंक मनीष, बीडीए सचिव अपर्णा गुप्ता, सीईओ सोइनलाल, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़, सहायक निदेशक किशन कुमार और जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने इस अवसर पर कहा कि बीकानेर की ऐतिहासिक विरासत हमारी साझा धरोहर है, जिसने पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने सैलानियों और स्थानीय प्रतिभागियों से इस सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनने का आह्वान किया।