पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने प्रदेश के राज्यपाल सी वी आनंद बोस के हाल में किये गये राज्य विश्वविद्यालयों के दौरों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि वह राज्य सरकार को संज्ञान में लिये बिना इस तरह काम नहीं कर सकते।
बसु ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने मिलकर काम करने का निर्णय किया था, लेकिन वह समझ नहीं पा रहे कि राज्यों के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में बोस राज्य सरकार को संज्ञान में लिये बिना ऐसे दौरे क्यों कर रहे हैं।
बसु ने कहा कि नयी परिस्थिति के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यों के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति के रूप में कमान संभालनी चाहिए।
इससे पहले पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ विश्वविद्यालयों के प्रबंधन को लेकर लगातार गतिरोध के बाद भी राज्य ने इस प्रस्ताव पर विचार किया था।
बसु ने डॉ बी आर आंबेडकर की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर मार्ल्यापण के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर राज्यपाल बिना मुख्यमंत्री, विभाग, मंत्री या संस्था को सूचित किये अपनी मरजी से काम करते रहे तो मैं यह कहने को विवश हूं कि यह नहीं चलेगा। वह इस तरह से काम नहीं कर सकते।’’
वह राज्यपाल द्वारा 10 अप्रैल से अब तक तीन राज्य विश्वविद्यालयों के परिसरों का बिना पूर्व कार्यक्रम के दौरा करने के बारे में पूछे गये प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
हालांकि, राज्यपाल ने मंत्री की टिप्पणियों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।