राज्यपाल ने विधायकों के भत्ता बढ़ोतरी विधेयक का अनुमोदन किया

Kolkata , 16 मार्च . West Bengal के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आखिरकार राज्य के मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विधायकों के वेतन वृद्धि के लिए विधानसभा में पेश किए गए विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया है. नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले उन्होंने इस बिल पर सहमति जताई है. इसलिए अप्रैल महीने की पहली तारीख से विधायकों को बढ़ा हुआ भत्ता मिलने लगेगा.
Saturday सुबह राजभवन से एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से पोस्ट किया गया कि राज्यपाल ने दोनों विधेयकों पर अपनी सहमति दे दी है. वे West Bengal विधान सभा सदस्य वेतन (संशोधन) विधेयक 2023 और West Bengal वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2023 हैं. पहले बिल में विधायकों के वेतन और दूसरे बिल में मंत्रियों, राज्यमंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी की बात कही गई है.
पिछले साल सात सितंबर को विधानसभा के मानसून सत्र में Chief Minister ममता बनर्जी ने सभी मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी. उन्होंने यह भी कहा कि वह बढ़ा हुआ भत्ता नहीं लेंगी. ममता ने कहा, ””हमारे राज्य के विधायकों का वेतन देश में सबसे कम है. इसलिए हमारी सरकार ने विधायकों का वेतन बढ़ाने का फैसला किया है.””
दरअसल विधायकों का वेतन 10 हजार रुपये प्रति माह था. यह बढ़कर 50 हजार रुपये हो गया. राज्य के मंत्रियों को 10 हजार 900 रुपये महीना मिलता था. अब से उन्हें 50 हजार 900 रुपये मिलेंगे. इसके अलावा राज्य में पूर्ण मंत्रियों का वेतन 11 हजार रुपये था. उन्हें अब 51 हजार रुपये वेतन के तौर पर मिलेंगे.
उल्लेखनीय है कि सरकार के वेतन ढांचे के मुताबिक राज्य के विधायकों को भत्ते और समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए अब तक कुल 81 हजार रुपये मिलते थे. इस बार से उन्हें कुल एक लाख 21 हजार टाका मिलेंगे. विपक्षी दलों के नेताओं और राज्य मंत्रियों, पूर्ण मंत्रियों को इतने दिनों के भत्ते आदि के लिए कुल मिलाकर एक लाख 10 हजार रुपये मिलते थे. इस बार से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपये मिलेंगे. राज्यपाल की सहमति के बाद इस बार इसी दर से वेतन बढ़ाने का फैसला लागू होने जा रहा है.
/ ओम प्रकाश