भोपाल (dailyhindinews.com)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार स्व. वेदप्रताप वैदिक में अपार हिन्दी प्रेम भरा हुआ था। उन्होंने हिन्दी के लिए लगातार संघर्ष किया और हिन्दी भाषा में हस्ताक्षर करने का अभियान चलाया। वैश्विक स्तर पर उनके अच्छे संबंध थे। वे हर क्षेत्र में आगे रहते थे। स्व. वैदिक जी की स्मृति को चिरस्थाई बनाने का कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान एम.पी. नगर स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में स्व. डॉ. वेदप्रताप वैदिक की श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अभी भी विश्वास नहीं होता है कि वैदिक जी हमारे बीच नहीं हैं। उनसे मेरी निरंतर बात होती थी। वे मुझे पत्रकार से बढ़ कर बड़े भाई लगते थे। सरस्वती जी उनकी कलम में विराजती थी। वे 13 साल की उम्र में हिन्दी सत्याग्रही बन गए थे। उन्होंने हिन्दी भाषा के लिए लगातार संघर्ष किया। स्व. वैदिक जी भौतिक रूप से चले गये, लेकिन वे हमेशा अमर रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अंग्रेजी का मतलब विद्वता कतई नहीं हैं। यह मानसिक गुलामी का प्रतीक है। मैं जहाँ भी जाता हूँ वहाँ गर्व से हिन्दी बोलता हूँ। अंग्रेजी भाषा का ज्ञान बुरा नहीं है, लेकिन मानसिक गुलामी को उतार फेंक दें तो यही वैदिक जी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई में हिन्दी के लिए सीटें रिजर्व की जायेंगी। हर देश अपनी भाषा पर गर्व करता है। हमें हिन्दी भाषा पर गर्व होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्व. श्री अभय छजलानी जी के चरणों में भी श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि स्व. डॉ. वैदिक और स्व. श्री छजलानी ज्ञान, भक्ति और कर्म के त्रिवेणी संगम थे। मध्यप्रदेश हीरों की खदान है, प्रदेश में फिर कोई नया हीरा यहीं से निकलेगा।
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