कटघरे में सरकर: पुलिस का नहीं, चलता है अतीक का इकबाल… इलाहाबाद HC की कड़ी टिप्पणी, 18 साल बाद फरहान की जमानत रद्द

शिवपूजन सिंह, प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दिनदहाड़े बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या मामले में यूपी सरकार लगातार घिर रही है। विपक्ष की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़ा किया। विधानसभा में मामला उठा। सीएम योगी आदित्यनाथ गरम हो गए। माफिया को मिट्‌टी में मिला देने की बात कही। अब इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी आई है। कोर्ट ने कहा कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं अतीक अहमद का इकबाल चलता है। हाई कोर्ट की टिप्पणी योगी सरकार के प्रदेश में कानून के शासन के दावों के उलट है। अब कोर्ट की टिप्पणी के हवाले से विपक्षी दलों को सरकार पर हमले का मौका मिल गया है।इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी आई है। बाहुबली माफिया अतीक अहमद के इकबाल को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने योगी सरकार की पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि देखने से लगता है कि धूमनगंज थाना क्षेत्र में पुलिस का नहीं, अतीक अहमद का इकबाल चलता है। यह सख्त टिप्पणी जस्टिस डीके सिंह ने की है। 24 फरवरी 2023 को सुलेम सराय में दिनदहाड़े हुई उमेश पाल की हत्या मामले में यह टिप्पणी की।दरअसल, मृतक उमेश पाल ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में 25 जनवरी 2005 को इलाबाहाद शहर पश्चिमी के तत्कालीन विधायक राजू पाल और दो सुरक्षा गार्डों की दिनदहाड़े हुई हत्या के आरोपी फरहान की जमानत याचिका निरस्त करने की याचिका दायर की थी। 24 नवंबर 2005 को सत्र न्यायालय ने फरहान को जमानत दी थी। इसकी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही थी। इसी बीच उमेश पाल की हत्या हो गई।सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि आरोपी फरहान बाहुबली माफिया अतीक अहमद गैंग का सदस्य है। याची ने न केवल जमानत शर्तों का उल्लंघन किया है। जमानत पर रिहा होने के बाद वह लगातार अपराध करता गया। उस पर 26 आपराधिक केस दर्ज हैं। इसमें मर्डर के तीन, अपरहण के तीन, हत्या के प्रयास के दो और नाबालिग से दुष्कर्म, गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट एवं एससी-एसटी एक्ट जैसे संगीन अपराध शामिल हैं।कोर्ट ने कहा कि फरहान को स्वतंत्र छोड़ना गवाहों और आम नागरिकों के जीवन सुरक्षा को खतरे में डालना है। हाई कोर्ट ने 24 नवंबर 2005 को सेशन कोर्ट से मिली फरहान के जमानत के आदेश को रद्द कर दिया। उसका जमानत निरस्त कर दिया है। उमेश पाल हत्याकांड मामले में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। उमेश पाल की हत्या के आरोपियों को पकड़ पाने में अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। ऐसे में हाई कोर्ट का कड़ी टिप्पणी ने सरकार के इकबाल पर भी सवाल खड़ा कर दिया है।