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सूत्रों का कहना है कि गोल्डी बराड़ को भारत लाने की राह बहुत मुश्किल नहीं है, क्योंकि भारत-अमेरिका के बीच संबंध अच्छे हैं और दोनों के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, उसके हिसाब से भारत वहां रह रहे किसी दोषी या आरोपी को वापस भारत ला सकता है। हालांकि इस राह में एक रोड़ा अटक सकता है। वो होगा बराड़ का कोर्ट चले जाना। अगर वह कोर्ट जाता है तो उसे भारत लाने में कुछ समय लग सकता है।
कनाडा से भाग गया था कैलिफोर्निया
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मूसेवाला मर्डर के ठीक बाद गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने कथित तौर पर हमले की जिम्मेदारी ले ली थी। बराड़ के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा था। शुरुआत से इनपुट थे कि वो कनाडा में है। इंटरपोल सक्रिय था। कनाडा में पुलिस कभी भी उस तक पहुंच सकती थी, इस कारण वह अमेरिका भाग गया। मगर अमेरिका में भी इंटरपोल के जरिए उसके बारे में काफी जानकारी पहले दे दी गई थी। सूत्र उसके कैलिफोर्निया पुलिस के हिरासत में होने की पुष्टि कर रहे हैं।
गोल्डी का पूरा नाम सतविंदरजीत सिंह
गोल्डी बराड़ का असली नाम सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ है। गोल्डी बराड़ 1988 में पैदा हुआ था। मतलब वह 34 साल का है। उसने बीए की पढ़ाई की। कम उम्र में सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ बड़ा आतंक का नाम हो गया है। वह विदेश में बैठकर भारत को दहलाने की साजिश रचता है। वह पंजाब से लेकर देश में कई हत्याएं करवा चुका है।
पंजाब पुलिस में एएसआई थे पिता
गोल्डी बराड़ के पिता शमशेर सिंह पंजाब पुलिस में एएसआई हुआ करते थे। उनके बेटे गोल्डी बराड़ के आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने के बाद सरकार ने उन्हें 2021 में जबरन रिटायरमेंट दे दिया था। गोल्डी का एक चचेरा भाई गुरलाल बारड़ था, जिसकी हत्या 11 अक्टूबर 2020 को चंडीगढ़ के इम्पोरियम मॉल के बाहर कर दी गई थी।
हुलिया बदलने में माहिर गोल्डी बराड़
पंजाब पुलिस के डोजियर में गोल्डी बराड़ की 5 अलग-अलग तस्वीरें हैं। इस तस्वीरों के देखने से साफ पता चलता है कि छिपने के लिए गोल्डी अपना हुलिया बदलता रहता है। इतना ही नहीं वह इतना शॉर्प है कि वह अपने ठिकाने भी बदलता रहता था।
पंजाब में कई केस दर्ज
गोल्डी बराड़ पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। अकेले पंजाब पुलिस में गोल्डी पर 16 से ज्यादा अपराधिक केस हैं। हालांकि 4 ऐसे मामले हैं, जिनसे गोल्डी बराड़ बरी हो चुका है। कनाडा भागने से पहले गोल्डी पंजाब के फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा।
स्टूडेंट वीजा पर कनाडा गया था गोल्डी बराड़
पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब निवासी गोल्डी बराड़ साल 2017 में छात्र वीजा पर कनाडा गया था और वह लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है। बराड़ के खिलाफ नवंबर 2020 और फरवरी 2021 में हत्या, हत्या के प्रयास और शस्त्र अधिनियम के तहत दो मामले दर्ज किए गए थे।
एक कॉल से करवा सकता है हत्या
सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का आरोपी लॉरेंस विश्नोई गिरफ्तार हुआ था। सूत्रों की मानें तो भारत में गोल्डी बराड़ के काम की सारी कमान लॉरेंस ही संभालता था। उसके गिरफ्तार होने के बाद गैंग की कमान कनाडा में बैठकर सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ संभालने लगा रहा था। गोल्डी बराड़ के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल समेत कई राज्यों में कई शार्प शूटर्स बैठे हैं जो उसके इशारों पर काम करते हैं।