नई दिल्ली (dailyhindinews.com)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज हासिल करने के लिए पाकिस्तान सऊदी अरब से लेकर अमेरिका के आगे गिड़गिड़ा रहा है। इतिहास का सबसे गंभीर आर्थिक संकट झेल रहा मुल्क डिफॉल्ट होने की कगार पर खड़ा है। अब उसने अमेरिका से आईएमएफ के साथ डील साइन करने में मदद मांगी है। पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम ने गुरुवार को पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार को आश्वासन दिया कि वॉशिंगटन लंबे समय से रुके हुए आईएमएफ बेलआउट को अनलॉक करने में इस्लामाबाद की मदद करेगा।
सूत्रों ने पाकिस्तानी मीडिया को इसकी जानकारी दी है। सूत्रों ने जियो न्यूज को बताया कि यह बातचीत इस्लामाबाद में राजदूत के साथ वित्त मंत्री की बैठक के दौरान हुई। मीटिंग में राजदूत को वॉशिंगटन स्थित कर्जदाता के कार्यक्रम की प्रगति के बारे में बताया गया। इशाक डार ने अमेरिकी राजदूत से बेलआउट प्रोग्राम को अनलॉक करने में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध किया है। डार ने उन्हें सऊदी अरब से 2 बिलियन डॉलर पर पुष्टि मिलने के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ 1 बिलियन डॉलर के वित्तपोषण को लेकर बातचीत चल रही है।
पाकिस्तानी मंत्री ने कहा, ‘हमें अधिक संसाधनों और फंडिंग की जरूरत है।’ जवाब में ब्लोम ने अमेरिका से सहयोग का आश्वासन दिया। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि डार ने राजदूत को देश के आर्थिक नजरिए और आने वाली चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। ब्लोम के साथ बैठक से पहले इशाक डार ने पाकिस्तान में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत हमद ओबैद इब्राहिम सलीम अल-ज़ाबी से मुलाकात की थी जहां उन्होंने आर्थिक संबंधों पर चर्चा की थी।
आईएमएफ ने पाकिस्तान से मित्र देशों और बहुपक्षीय साझेदारों से बाहरी फंडिंग पर आश्वासन सुरक्षित करने के लिए कहा है। कई बार अनुरोध के बाद अनुमान है कि सऊदी अरब पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार हो गया है। अब पाकिस्तान की नजरें दूसरे ‘मुस्लिम दोस्त’ यूएई की तरफ हैं। बीते दिनों वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान पर अपनी एक फ्लैगशिप रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक कर्ज संकट से बचने के लिए पाकिस्तान को तत्काल विदेशी कर्ज का इंतजाम करना होगा।
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