माता-पिता की जीनोम पत्री बताएगी नवजात बच्चा बीमार तो नहीं

फरीदाबाद: शहर में रहने वाले प्रवीण और रश्मि के घर में गुड न्यूज आई है। रश्मि गर्भवती हैं। इसके बावजूद पूरा परिवार चिंता में है। रश्मि को डायबिटीज व बीपी की समस्या है। उनके पैरंट्स को कैंसर भी डायग्नोज हो चुका है। ऐसे में प्रवीण को डर सता रहा है कि इन बीमारियों का असर उनके बच्चे पर तो नहीं पड़ेगा। रश्मि का भाई जन्म से ही दिव्यांग भी है तो दंपती को डर है कि कहीं इसका असर उनके बच्चे पर न आ जाए। ऐसे में वह भ्रूण की जांच कराना चाह रहे हैं। प्रवीण और रश्मि की तरह ऐसे कई कपल हैं, जो अपने होने वाले बच्चे की सेहत को लेकर चिंता में हैं। इसी डर से मुक्ति के लिए शहर के अस्पताल में तैयारी हो रही है। फरीदाबाद में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जन्मपत्री की तर्ज पर जीनोम पत्री तैयार करने का प्लान है, जिससे गंभीर बीमारियों की शुरुआत में ही पहचान कर उनका इलाज किया जाएगा। गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत का हाल जानने के लिए भी इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा। ऐसे में जन्म के बाद बच्चे को कोई बीमारी तो नहीं होगी, इसका पहले ही पता लगाया जा सकेगा।भ्रूण सही से विकसित नहीं हो रहा है और पैदा होने पर बच्चे में विकलांगता हो सकती है तो इसका भी समय पर पता चल जाएगी। डॉक्टरों के अनुसार, कुछ बीमारियां वंशानुगत होती हैं। जेनेटिक कमियों को अब हम अगली पीढ़ी में जाने से रोक सकते हैं। कई मामलों में तो सिर्फ उचित पोषण, व्यायाम और बेहतर जीवनशैली से ही जींस की सेहत सुधारी जा सकती है। इसके लिए कॉलेज में शोध शुरू करने की तैयारी की गई है।जल्द शुरू होगी जेनेटिक लैबईएसआईसी अस्पताल में जेनेटिक बीमारियों की पहचान के लिए जेनेटिक लैब जल्द शुरू की जाएगी। डॉक्टरों के अनुसार, इस टेस्ट के जरिए पहले पता लगाया जा सकता कि आपके शरीर में कौन सी बीमारी होने का खतरा है। जीनोम बैंक के जरिये किसी प्राणी के जीनोम सीक्वेंस का पता लगाया जा सकता है।