Gauri Lankesh murder: बेंगलुरु कोर्ट ने मुख्य आरोपियों की जमानत याचिका की खारिज, SC-हाई कोर्ट के आदेशों का दिया हवाला

बेंगलुरु में प्रधान जिला नागरिक और सत्र न्यायाधीश की अदालत ने कर्नाटक उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के पिछले आदेशों का हवाला देते हुए पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में एक प्रमुख रसद आपूर्तिकर्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी है। प्रथमदृष्ट्या आरोपियों की अपराध में संलिप्तता का संदेह है। जिला अदालत ने 5 सितंबर, 2017 को 55 वर्षीय पत्रकार की उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या करने के मामले में दक्षिणपंथी सनातन संस्था समूह से जुड़े 55 वर्षीय मोहन नायक की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसे भी पढ़ें: High Court Judge Appointment: 7 राज्यों को मिलेंगे नए चीफ जस्टिस, कॉलेजियम ने की इन नामों की सिफारिशअदालत ने कहा कि नायक की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय के पिछले आदेश में पाया गया था कि प्रथम दृष्टया आरोपी नंबर 11 की संलिप्तता का संकेत देने के लिए पर्याप्त सामग्रियां हैं, जो न केवल परिधीय है बल्कि अपराध के कमीशन में सक्रिय भागीदारी भी है। रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसने कथित घटना से संबंधित कुछ गतिविधियों में सहायता करके संगठित अपराध को अंजाम देने में मदद की है।इसे भी पढ़ें: Modi Surname Case | मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट का फैसलाअदालत ने सुप्रीम कोर्ट के 21 अक्टूबर, 2021 के आदेश का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि “अगर जांच एजेंसी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से किसी ऐसे व्यक्ति की आरोपी के साथ सांठगांठ का पता चलता है जो संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य है, तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। नायक, जिसने कथित तौर पर हत्या को अंजाम देने में चरम दक्षिणपंथी ‘अपराध सिंडिकेट’ को साजो-सामान सहायता प्रदान की थी और सिंडिकेट का एक अभिन्न अंग बताया गया। उसने  इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उसके खिलाफ अपर्याप्त सबूत थे और कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था।