वेस्ट से बेस्ट: पुराने जूते और प्लास्टिक की बोतल से सजाया गार्डन, इनके घर की हर चीज कीमती

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एक ऐसे शख्स भी है शाहरुख हवलदार जो पशु, पक्षी और पेड़ पौधों को ही अपना परिवार मानते हैं. इन्होंने शादी नहीं की और पशु पक्षी और पेड़ पौधों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. उनके 3 एकड़ में फैले गार्डन में आपको हर प्रकार के पेड़ पौधे, बोनसाई और पशु पक्षी देखने को मिलेंगे लोग इन्हें अपने यहां गार्डन विकसित करने के लिए भी बुलाते हैं तो वहीं उनसे पौधों के रखरखाव के टिप्स भी लेते हैं. शाहरुख हवलदार कई मशहूर हस्तियों के यहां भी गार्डन विकसित करने के लिए जा चुके हैं.
दरअसल मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के रहने वाले शाहरुख हवलदार को अपने माता-पिता से प्रेरणा मिली क्योंकि इनकी पिताजी को प्रकृति से प्रेम और माता जी को गार्डनिंग का शौक था. जिसके बाद शाहरुख हवलदार ने भी इसी क्षेत्र में आगे बढ़ने की सोची, शाहरुख बताते हैं कि उनकी पढ़ाई नासिक और मुंबई में हुई है उन्होंने हॉर्टिकल्चर में डिप्लोमा किया है और बोनसाई में भी एक डिप्लोमा हासिल किया इसके बाद वह अपने शौक को पूरा करने के लिए बुरहानपुर आ गए. आज उनके निवास स्थान पर 3 एकड़ में फैला एक गार्डन है. जिसमें डेढ़ सौ से 200 प्रकार के बोनसाई के पौधे हैं और 500 से अधिक वैरायटी के पेड़ पौधे यहां गार्डन में लगा कर रखे हैं
प्लास्टिक को फेंके नहीं लगाएं उसमें पौधें
शाहरुख बताते हैं कि घर में निकलने वाले वेस्टेज जैसे कि पुराने जूते, अंडे के छिलके, वेस्ट बोतल और तरह-तरह के प्लास्टिक के आइटम जो हम खाली होने के बाद फेंक देते हैं इनमें ही इन्होंने कई प्रकार के फल फूल के पौधे और बोनसाई के पौधे विकसित किए हैं वह बताते हैं कि इसके पीछे उनका मकसद यह है कि प्रकृति को हम प्लास्टिक मुक्त कर सकते हैं और अनुमान लोग वेस्टेज को फेंक देते हैं लेकिन प्लास्टिक कई वर्षों तक वैसे के वैसे रहता है अगर हम घर के प्लास्टिक को फेंके नहीं और उनमें पौधे विकसित करेंगे तो हमारे चारों ओर हरियाली के साथ शुद्ध वातावरण भी होगा तो वही हम प्रकृति को प्लास्टिक मुक्त कर सकते हैं
प्रेम से रहते हैं सभी पशु-पक्षी एक साथ
शाहरुख के घर पर तरह-तरह के पशु पक्षी भी है और वह सब आपस में प्रेम पूर्वक कहते हैं. उन्होंने बताया कि उनके यहां पर कई प्रकार के पशु पक्षी है जिसमें कि लव बर्ड्स, बंदर, बतख, मुर्गा मुर्गी, गधा, गाय, खरगोश, सफेद चूहे, एक कछुआ, तरह तरह की मछलियां और दो कुत्ते भी है यह सभी इनके घर में खुले में निवास करते हैं और सभी प्रेम पूर्वक रहते हैं
पेड़ पौधे और पशु पक्षियों को ही मानते हैं अपना परिवार
शाहरुख हवलदार के यहां कछुआ 20 वर्षों से सिर्फ हीरा ही खाता है आज तक उसने पानी नहीं पिया वह बताते हैं कि यह दुर्लभ प्रजाति का कछुआ है जिसे उन्होंने बड़े ही प्रेम पूर्वक रखा है, शाहरुख प्रकृति से बहुत प्रेम करते हैं पेड़ पौधे पशु पक्षियों को ही वह अपना परिवार मानते हैं वहीं की 24 घंटे निस्वार्थ भाव से सेवा करते हैं.
आज शाहरुख हवलदार के गार्डन में तरह-तरह के फल फूलों के पौधे मसाले के पौधे और हर प्रकार की बोनसाई वही तरह-तरह के पशु पक्षी भी आपको देखने को मिलेंगे. शाहरुख हवलदार कई मशहूर हस्तियों के यहां गार्डन डिवेलप करने के लिए भी जा चुके हैं, शाहरुख से कई लोग गार्डन के टिप्स लेने भी पहुंचते हैं जिन्हें वह निशुल्क सेवा प्रदान करते हैं इनके यहां कई स्कूली बच्चे गार्डनिंग सीखने और पेड़ पौधों को जानने पहुंचते हैं और शहर भर के कई बड़े गार्डन ओं का रखरखाव का जिम्मा इन्हीं के पास है जिसके चलते आज शहर हरा-भरा नजर आ रहा है.