नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के भंवर में फंसे अडानी ग्रुप (Adani Group) के लिए मंगलवार का दिन राहत लेकर आया। कई दिन की गिरावट के बाद ग्रुप के दस लिस्टेड शेयरों में से आठ तेजी के साथ बंद हुए। ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का शेयर 14.22 प्रतिशत की जोरदार बढ़त के साथ 1,364.05 रुपये के भाव पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 19 प्रतिशत तक चढ़ गया था। इसी तरह अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ) के शेयरों में 5.44 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसी तरह अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में पांच-पांच प्रतिशत की तेजी रही। एनडीटीवी (NDTV) का शेयर 4.99 प्रतिशत चढ़ा। अडानी पावर (Adani Power) के शेयर में 4.98 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) में 3.75 प्रतिशत और एसीसी (ACC) में 2.24 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।हालांकि की ग्रुप की दो अन्य कंपनियों अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) और अडानी टोटल गैस (Adani Total Gas) में गिरावट का दौर जारी रहा। अडानी ट्रांसमिशन के शेयर में पांच प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि अडानी टोटल गैस में 4.99 प्रतिशत का नुकसान हुआ। अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियों के लिए मंगलवार का दिन बाजार के सामान्य रुख के उलट अच्छा रहा। सेंसेक्स 326.23 अंक की गिरावट रही जबकि निफ्टी 88.75 अंक गिरकर बंद हुआ। बाजार में गिरावट के बावजूद अडानी ग्रुप की अधिकांश कंपनियों में तेजी रही। आखिर अडानी ग्रुप के किन गुड न्यूज ने टॉनिक का काम किया? कहां से मिली गुड न्यूजहिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है और उसका मार्केट कैप 150 अरब डॉलर कम हो गया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप अपने क्रेडिट प्रोफाइल को सुधारने के लिए शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए कर्ज को समय से पहले चुकाने की योजना बना रहा है। कंपनी मार्च तक करीब 6,500 करोड़ रुपये के कर्ज का समय से पहले भुगतान कर सकती है। इस रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के लिए टॉनिक का काम किया। निवेशकों और लेंडर्स का भरोसा कुछ हद तक बहाल होता हुआ दिखा और ग्रुप के शेयरों ने छलांग लगा दी। इसके साथ ही बैंकों ने अडानी एंटरप्राइजेज की क्रेडिट लिमिट रिटेन रखी है। इससे भी इस शेयर को फायदा हुआ।कॉरपोरेट गवर्नेंस रिसर्च एंड प्रॉक्सी एडवाइजरी फर्म Stakeholders Empowerment Services (SES) ने कहा है कि अडानी ग्रुप के कर्ज को लेकर जताई जा रही चिंता जरूरत से कुछ ज्यादा हो हो सकती है। उसने एक रिपोर्ट में कहा कि ग्रुप की कंपनियों के पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त कैश है। लेकिन अडानी ग्रुप को शेयरहोल्डर्स और लेंडर्स की चिंताओं को दूर करने के लिए किसी तीसरे पक्ष से अपने अकाउंट्स का ऑडिट कराना चाहिए। इससे निवेशकों और लेंडर्स का भरोसा बढ़ेगा और उनकी चिंता दूर होगी। क्या हैं आरोपमेहता इक्विटीज लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘अडाणी समूह के शेयरों में तीव्र बढ़त आने के बावजूद निफ्टी का गिरना दिन के कारोबार का एक नकारात्मक पहलू रहा।’ अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर गत 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट आने के बाद से ही भारी गिरावट के दौर से गुजर रहे हैं। एक महीने में ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप 12 लाख करोड़ रुपये तक गिर चुका है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए हेराफेरी करने और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, समूह ने इन सभी आरोपों को झूठ और मनगढ़ंत बताते हुए खारिज किया है।