तांगेवाले से धनकुबेर तक का खेल… आसाराम बापू के अरबपति बनने की पूरी कहानी

स्प्रिचुअल गुरू, चौथी क्लास तक पढ़ाई और फिर अरबों रपये का सफर। सुनने में बेहद अजीब लगता है, लेकिन ये हकीकत है दो केस में रेपिस्ट साबित हो चुके आसाराम बापू की। आपको शायद यकीन न हो, लेकिन लोगों को सच्चाई और धर्म का ज्ञान देने वाले आसाराम के पास है 2300 करोड़ रुपये से ज्यादा की काली दौलत। आज बेशक आसाराम जेल के अंदर बंद हों, लेकिन एक वक्त में आसाराम की ताकत इतनी ज्यादा थी कि बड़े-बड़े लोग उनके मुरीद थे। अपनी ताकत और अपने ढोंग से आसाराम ने इतनी दौलत कमाई कि कोई सोच भी नहीं सकता था। साल 2016 में खुद आयकार विभाग ने आसाराम की प्रॉपर्टी की जांच की तो अरबों के साम्राज्य का खुलासा हुआ। सामने आई धनकुबेर आसाराम की पूरी कहानी।

आसाराम के अरबपति बनने का सफर

आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन का नाम असुमल हरपलानी था। तांगा चलाना, साइकिल दुकान में काम करना ये सबकुछ आसाराम ने किया, लेकिन किसे पता था कि कुछ समय बाद यही ये शख्स करोडों का नहीं बल्कि अरबों रुपये का मालिक बन जाएगा। आसाराम ने बेहद कम उम्र में ही खुद को कच्छ के एक संत लीला शाह बाबा का शिष्य घोषित किया और धर्म के नाम पर लोगों को लूटने का धंधा भी शुरू कर दिया। सबसे पहले असुमलन हरपलानी ने अपना नाम बदलकर आसाराम बापू किया।

1 से लेकर 400 आश्रम बनने की कहानी

अहमदाबाद के मोटेरा में आसाराम ने अपना पहला आश्रम शुरू किया और यही से शुरू हुआ भक्तों की आस्था का फायदा उठाने का काम। आयकर विभाग की जांच रिपोर्ट के मुताबिक आसाराम के देशभर में 400 से ज्यादा आश्रम है। आश्रम के लिए ज्यादातर जमीन को इस संत ने भक्तों को अपनी बातों में बहला फुसलाकर हासिल की। आसाराम पर अतिक्रमण करके जमीन हथियाने के आरोप भी लगते रहे।

भक्तों को बहला-फुसलाकर लूटा पैसा

आसाराम का अरबपति बनने का दूसरा बड़ा जरिया था भक्तों का चंदा। हर महीने भक्तों के पास से करोड़ों रुपये का चंदा आसाराम के ट्रस्ट में आता था। साथ ही कुछ बड़े आयोजनों जैसे गुरु पूर्णिमा, भंडारा, दीवाली, जैसे त्यौहारों पर भी आसाराम की कमाई कई गुना बढ़ जाती थी।

विदेशी कंपनी में किया निवेश

आसाराम का ट्रस्ट भक्तों को ब्याज पर कर्जा देने का काम भी करता था। करोड़ों रुपये ब्याज के रूप में आसाराम के पास इकट्ठा होते रहे। आसाराम दिखावे के लिए तो प्रवचन देने का काम करते रहे, लेकिन कई विदेशी कंपनियों में भी इनके ट्रस्ट ने पैसा लगाया और वहां से मोटा मुनाफा कमाया। आयाकर विभाग ने अपनी जांच में ये भी पाया कि आसाराम बापू ने काफी ज्यादा बड़ी मात्रा में टैक्स की चोरी की है। यानी सफेद चोले की आड़ में आसाराम हर वो काले धंधे करते रहे जिसकी उम्मीद कभी कोई नहीं कर सकता था।