गुजरात में दोस्ती, पंजाब में लड़ाई, AAP-काग्रेस में यह कैसा गठबंधन है?

अहमदाबाद: चंडीगढ़ मेयर चुनावों में आप की ‘सुप्रीम’ जीत के बाद देश के दो राज्यों में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की दोस्ती होने की संभावना बढ़ गई है, लेकिन दोनों दलों के बीच गठबंधन में पंजाब की गांठ नहीं सुलझ पा रही है। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से गठबंधन को लेकर बातचीत में अंतिम दौर होने की बात कही है, लेकिन दोनों पार्टियों ने पंजाब में अलग चुनाव लड़ने की तैयारी की है। आप और कांग्रेस के दो राज्यों में गठबंधन और पंजाब में अलग लड़ने के फैसले के बाद चर्चा शुरू हो गई कि यह कैसा गठबंधन हैं। दिल्ली-गुजरात में क्या है स्थिति? आप आदमी पार्टी के बीच जिन दो राज्यों गठबंधन होने की उम्मीद है। वहां पर दोनों पार्टियां शून्य पर हैं। दिल्ली और में आप और कांग्रेस के पास कोई लोकसभा सीट नहीं है। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में सात लोकसभा सीटों के लिए 4-3 का सीट शेयरिंग फॉर्मूला लागू हो सकता है। जिस पार्टी के जहां जीतने की अधिक संभावना है। वह सीट वह पार्टी विनेबिलिटी के हिसाब से ले सकती है। गुजरात की बात करें तो गुजरात में लोकसभा क कुल 26 सीटें हैं। इनमें कांग्रेस ने अभी किसी भी सीट पर उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है लेकिन आप ने राज्य की दो सीटों पर उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। इनमें भरूच और भावनगर लोकसभा सीट शामिल हैं। पार्टी ने बारडोली सीट भी उम्मीदवार जल्द घोषित करने के संकेत दिए हैं। गुजरात में आप ने आठ सीटें मांगी हैं। पार्टी की दलील है कि उसे विधानसभा चुनावों में 14 फीसदी वोट मिली थे कांग्रेस को 27 फीसदी वोट। अब देखना है यह कि गुजरात में सीट शेयरिंग का आखिरी आंकड़ा क्या रहता है? पंजाब में क्यों नहीं हो रहा गठबंधन?दिल्ली और गुजरात में जब दोनों दलों के बीच गठबंधन हो रहा है तो फिर पंजाब में कौन सा पेंच फंस रहा है? दिल्ली में मुख्य विपक्ष बीजेपी है, तो यही स्थिति गुजरात में भी है। दोनों पार्टियां बीजेपी से लड़ रही हैं, लेकिन पंजाब में आप सत्ता में और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस है। कांग्रेस को हटाकर आप सत्ता में आई है। पंजाब कांग्रेस के नेता और पंजाब आप के नेता गठबंधन नहीं चाहते हैं। ऐसे में गुजरात और दिल्ली में गठबंधन के साथ पंजाब में दोनों दलों के बीच फ्रेंडली फाइट होने की उम्मीद है। दोनों पार्टियों का एक जैसा डर कांग्रेस को डर है कि पंजाब में अगर आप के साथ लड़ती है तो उसे नुकसान हो सकता है। यही डर आम आदमी पार्टी को भी है। विधानसभा चुनावाें में आप को 117 में 92 सीटें मिली थीं। कांग्रेस पार्टी को 17 और शिरोमणि अकाली दल को 3 सीटें, जबकि बीजेपी 2 और निर्दलीय 2 और एक सीट बसपा को मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद पंजाब की राजनीति सूरत बदल चुकी है। तब वहां कांग्रेस सरकार थी। पार्टी ने 13 सीटों में 8 जीती थीं। एनडीए के घटक एसएडी और बीजेपी को 2 और 1 सीट मिली थी, जबकि आप के खाते में एक सीट आई थी। तब पार्टी को 3 लोकसभा सीटाें का नुसकसा हुआ था। 2014 के चुनावों में आप ने 4 सीटें जीती थीं।