
रूस को और ज्यादा सकारात्मक संकेत भेज रहे नेतन्याहू
विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायल के इस फैसले से यूक्रेन की टेंशन बढ़ सकती है। बार इलान यूनिवर्सिटी में राजनीतिक मामलों के प्रमुख जोनाथन रयनहोल्ड ने कहा, ‘इजरायल की नई और पुरानी सरकारों में अंतर यह है कि नेतन्याहू के पहले की सरकार 100 फीसदी यूक्रेन के समर्थन वाली विचारधारा को मानती थी। पिछली सरकार बिना रूस को पूरी तरह से अलग थलग किए यूक्रेन की हर संभव मदद कर रही थी। नेतन्याहू सरकार विचारधारा को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित नहीं है।’ अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की नई सरकार रूस को और ज्यादा सकारात्मक संकेत भेजने जा रही है। इसके साथ साथ वह लंबे समय से चली आ रही विदेश नीति को बरकरार रख रही है। रयनहोल्ड ने कहा, ‘इजरायल के रूस और यूक्रेन को लेकर दो मुख्य राष्ट्रीय सुरक्षा हित हैं जिस पर देश में आम सहमति है। पहला अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते को बरकरार रखना और दूसरा रूस का यह मानना कि इजरायल को सीरिया के अंदर ईरानी सैनिकों और हथियारों को सैन्य रूप से निशाना बनाने की स्वतंत्रता है। इसके लिए इजरायल और रूसी सेनाओं के बीच सक्रिय समन्वय की जरूरत होगी ताकि दोनों सैनिकों के बीच में संघर्ष न हो जाए।’