भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सैयद सबीर पाशा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से तकनीकी निदेशक के रूप में जुड़ गए हैं।
एआईएफएफ ने बुधवार को इसकी घोषणा की। पाशा पूर्णकालिक आधार पर इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय हैं।
पाशा के पास घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने और कोचिंग करने का कई वर्षों का अनुभव है।
पाशा का स्वागत करते हुए एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, ‘‘उनके अनुभव और उनके खेल और कोचिंग करियर के दौरान किए गए काम को देखते हुए, वह तकनीकी निदेशक बनने के योग्य उम्मीदवार हैं। हमें पूरा विश्वास है कि वह इस काम में प्रगति करेंगे और भारतीय फुटबॉल के तकनीकी मामलों में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाएंगे।’’
एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा, ‘‘सीनियर पेशेवर विन्सेंट सुब्रमण्यम उनका मार्गदर्शन करेंगे जो हमारे मुख्य तकनीकी अधिकारी हैं।’’
पाशा ने 1993 के नेहरू कप में राष्ट्रीय टीम के लिए पदार्पण किया और 12 मैच खेले। उन्होंने चेन्नई में बांग्लादेश के खिलाफ 1995 के सैफ खेलों के फाइनल में महत्वपूर्ण गोल दागा था।
पाशा ने 1993 और 1995 में नेहरू कप, 1995 में सैफ कप, 1995 में सैफ खेलों, 1996 में एशिया कप क्वालीफायर और 1996 में विश्व कप क्वालीफायर जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेले। वह 1995 के सैफ खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे और 1995 के सैफ कप में उपविजेता रहे। इस पूर्व विंगर ने दो बार गोल्डन बूट जीता- 1994 में छह गोल के साथ और 1998 में नौ गोल के साथ। उन्होंने तमिलनाडु के लिए संतोष ट्रॉफी में 26 गोल किए।