लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बदल रहे राजनीतिक समीकरण के बीच राजा भैया का बड़ा बयान सामने आया है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने समाजवादी पार्टी से अपने निकट संबंधों की बात कही है। अखिलेश यादव से बातचीत के बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन पर उनकी प्रतिक्रिया सामने आई है। राजा भैया ने कहा है कि समाजवादी पार्टी को मैंने 20 साल दिए हैं। मेरे लिए समाजवादी पार्टी सबसे पहले है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में उठापटक तेज हो गई है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की राह अलग होती दिख रही है। वहीं, अब जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और समाजवादी पार्टी एक पाल में आते दिख रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में राजा भैया और उनके एक और विधायक समाजवादी पार्टी के तीसरे उम्मीदवार के समर्थन में मतदान कर सकते हैं।राजा भैया पिछले दिनों में जिस प्रकार से भाजपा के निकट जाते दिखे थे। माना जा रहा था कि राज्यसभा चुनाव में भी वे भाजपा के आठवें उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं। दरअसल, समाजवादी पार्टी के यूपी प्रभारी नरेश उत्तम पटेल ने लखनऊ कैंट स्थित राजा भैया के निवास रामायण पर पहुंचने के बाद राजनीति बदलनी शुरू हो गई। नरेश उत्तम पटेल ने इस मुलाकात के दौरान फोन पर राजा भैया की सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बातचीत कराई। बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने राजा भैया से राज्यसभा चुनाव में अपने तीसरे उम्मीदवार को वोट देने के लिए समर्थन मांगा। राजा भैया ने अखिलेश यादव को इस संबंध में आश्वासन दिया है। राज्यसभा चुनाव ने बदली स्थितियूपी विधानसभा में सपा के पास 108 विधायक हैं। लेकिन, पल्लवी पटेल की नाराजगी और स्वामी प्रसाद मौर्य की नई पार्टी के ऐलान के बाद सपा के तीसरे उम्मीदवार को लेकर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। यूपी विधानसभा में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायक हैं। इनमें से एक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और दूसरे विनोद सोनकर हैं। दावा किया जा रहा है कि दोनों ही राज्यसभा चुनाव में अखिलेश यादव का साथ दे सकते हैं। समाजवादी पार्टी के तीसरे उम्मीदवार को अपना वोट दे सकते हैं। दरअसल, राजा भैया के पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी से निकट संबंध होने की बात लगातार सामने आ रही थी। राम मंदिर उद्घाटन के बाद से राजा भैया लगातार भाजपा के समर्थन में बात करते नजर आए थे। पिछले दिनों विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी राजा भैया समाजवादी पार्टी पर हमले करते दिख रहे थे। लेकिन राज्यसभा चुनाव के दौरान बदली राजनीतिक स्थिति के बीच मुलायम परिवार और राजा भैया के बीच की निकटता बढ़ती दिख रही है।