पहचान छिपाकर पहले भरोसा जीता फिर गैंगरेप किया, कोर्ट ने दो आरोपियों को सुनाई 25 साल की सजा

नई दिल्ली : अपनी असल पहचान छिपाकर गैंगरेप जैसे घृणित अपराध को अंजाम देने के दोषी दो व्यक्तियों को अदालत ने 25 साल कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषियों पर कुल एक लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने माना कि 2014 में दोषियों ने पूरी योजना के साथ वारदात को अंजाम दिया और जिस तरीके से, उससे तो ये दोनों सजा में किसी भी तरह की रियायत के हकदार नहीं रह जाते। मामले में आरोपी अथर खान ने महिला को अपना नाम आकाश बताया था।दोषियों पर 1 लाख 70 हजार का जुर्माना भी लगाएडिशनल सेशन जज (स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट) जगमोहन सिंह ने अथर खान (34) और अनम खान (32) को आईपीसी की धारा 376 डी (गैंगरेप) के अपराध के लिए 25 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 328, 342, 506, 34 के तहत अपराधों के लिए जो सजाएं तय की गईं, वो अधिकतम सजा के साथ-साथ चलेंगी। दोषियों पर कुल एक लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा है, जिसका भुगतान न करने पर उन्हें इससे भी अधिक समय के लिए जेल में रहना होगा। अथर ने अपना नाम आकाश बताया थाइससे पहले बचाव पक्ष के वकीलों गजराज सिंह और प्रवीण डाबर ने सजा में रियायत की गुहार लगाते हुए कहा कि अपराध के वक्त दोनों कम उम्र के थे और परिवार की देखभाल की जिम्मेदारी उठाए बैठे हैं। दूसरी ओर, अभियोजन की ओर से एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आशीष काजल ने दलील दी कि न तो मुकदमा पूरा होने में देरी सजा में नरमी का कोई आधार है और न ही दोषियों की उम्र का कम होना या गरीबी। सेशन जज ने कहा कि अथर खान ने अपना नाम आकाश बताकर पीड़ित का भरोसा जीता। कजिन के बर्थडे के बहाने होटल ले गया आरोपी पीड़ित को अपने कजिन के बर्थडे के बहाने होटल ले गया और वहां अनम खान को अमन बताते हुए मिलाया। इसके बाद आरोपियों ने लड़की को ड्रिंक के साथ नशीला पदार्थ दिया। बेहोशी की हालत में अश्लील तस्वीरें ली और फिर गैंगरेप किया। अदालत ने कहा कि दोषी सख्त से सख्त सजा के लायक हैं। हालांकि, अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा इसीलिए नहीं दी, क्योंकि ऐसा होने से उनमें सुधार की सभी संभावनाएं खत्म हो जाएंगी।