Agniveer का पहला बैच ट्रेनिंग के लिए रवाना, कह गए- देश के लिए कुछ भी करेंगे

इस साल सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की गई. Agniveer का पहला बैच तैयार हो गया है. खंडवा के मजदूर और किसानों के बेटों का सपना आखिरकार पूरा हुआ है. एक बेटे की ख्वाहिश आसमान में उड़ान भरने की थी तो दूसरों की सेना की वर्दी पहनने की. इनका हौसला इतना है कि वे आज ही बॉर्डर पर जाकर देश के दुश्मनों के छक्के छुड़ा दें. हालांकि, इससे पहले उन्हें आर्मी की ट्रेनिंग में खुद को झोंककर मजबूत बनाना होगा. वे Training Center पर पहुंच गए हैं. पहली बार खंडवा जिले के चार युवा अग्निवीर बने हैं.
खंडवा जिले के ग्राम सुल्याखेड़ी के सचिन बारे, खंडवा नगर कि गणेश तलाई के प्रियांशु सोलंकी और सुरेश चौहान का चयन अग्निवीर के तौर पर हुआ है. इनके अलावा बुरहानपुर निवासी देवराज वर्मा भी सेना में शामिल हो गए है. सचिन पैरा कमांडो के लिए चयनित हुए हैं जिनकी ट्रेनिंग बेंगलुरु के कैंट एरिया में होगी. वहीं प्रियांशु की अहमदाबाद के आर्म्स सेंटर, सुरेश चौहान की अहमदनगर और देवराज वर्मा की सागर आर्टिलरी सेंटर नासिक में ट्रेनिंग होगी.
Agniveer Training के लिए रवाना
मिलिट्री के ट्रेंड ऑफिसर इन्हें प्रशिक्षण देंगे. इसके लिए चारों सोल्जर घरों से. निकल चुके हैं. इन्होंने पहले महू स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में उपस्थिति दर्ज करवाई फिर अपने-अपने ट्रेनिंग सेंटर के लिए निकल गए. इन अग्निवीरों में से किसी के पिता किसान है तो किसी के मजदूर. कोरोना काल के बाद पहली बार अग्निवीर की परीक्षा हुई तो चार साल से मैदान पर मेहनत करने वाले युवाओं की मेहनत रंग लाई और वे चयनित हो गए.
बुरहानपुर निवासी देवराज के पिता भी मजदूरी करते हैं. जबकि सुरेश चौहान के पिता किसान है. सुरेश ने बीए की पढ़ाई की है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. देवराज, सुरेश और प्रियांशु सुबह पांच बजे से मैदान पर उतर जाते थे. तीन-तीन घंटे तक मेहनत कर उन्होंने अग्निवीर के लिए खुद को तैयार किया. उन्होंने बताया कि हमारा एक ही सपना था कि वर्दी पहनकर बॉर्डर पर तैनात रहें.
विदाई के वक्त नम हुई माता-पिता की आंखें
खंडवा जिले के ग्राम सुल्याखेड़ी के सचिन बारे पॉलिटेक्निक कर चुके है. परिवार में माता-पिता और एक भाई है. घर पर थोड़ी सी जमीन है. लेकिन उसकी उपज कम पड़ जाती है. इसलिए पिता मजदूरी भी करते हैं. जब सचिन घर से विदा हुआ तो माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े. पिता ने बताया कि मैं मजदूर और बेटे की ख्वाहिश आसमान छूने की ‘थी. सोचता था कैसे पूरी होगी, पर बेटे ने आज उसे पूरा कर लिया. वह पैरा कमांडो की ट्रेनिंग लेने जा रहा है..
जय हिंद डिफेंस ट्रेनिंग के संचालक ट्रेनर अनिल पाटिल ने बताया कि ग्रुप की ओर से पिछले चार सालों से निशुल्क आर्मी और पुलिस विभाग की भर्तियों की फिजिकल तैयारी कराई जा रही है. चारों युवाओं को भी पाटिल ने ही ट्रेनिंग दी है. इन युवाओं का खंडवा स्थित पुलिस लाइन के ग्राउंड में विदाई समारोह हुआ. पुलिस लाइन रक्षित निरीक्षक पुरुषोत्तम विश्नोई ने भारतीय सेना में चयनित हुए जवानों को शुभकामनाएं देते हुए तैयारी कर रहे हैं सोल्जर्स को मार्गदर्शन दिया.