गुजरात: बीजेपी सांसद राजेश चुडासमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज, डॉक्टर ने सुसाइड नोट में लिखा था नाम

अहमदाबाद: गिर सोमनाथ जिला पुलिस ने वेरावल कस्बे के प्रतिष्ठित डॉक्टर अतुल चग की आत्महत्या के मामले मे बीजेपी सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बीजेपी सांसद और उनके पिता के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने और मजबूर करने का आरोप है। में यह एफआईआर डॉ चग के बेटे हितार्थ की शिकायत पर दर्ज की गई है। 12 फरवरी को डॉ. अतुग चग ने अपने क्लीनिक में पंखे से लटकर जान दे दी थी। डॉक्टर ने सुसाइड से पहले एक नोट छोड़ा था। इसमें बीजेपी सांसद और उनके पिता का नाम लिखा था। इसके बाद से पीड़ित परिवार बीजेपी सांसद के खिलाफ एफ आईआर दर्ज करने की मांग कर रहा था। सांसद की बढ़ेंगी मुश्किलें गिर सोमनाथ जिला पुलिस ने बीजेपी के सांसद राजेश चुडासमा और उनके पिता के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 506-2 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर वेरावल कस्बे में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे। इसके बाद परिवार ने हाई कोर्ट का रुख भी किया था। हाई कोर्ट ने पुलिस के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। वेरावल सिटी थाने के निरीक्षक एस एम इसरानी के मुताबिक लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद राजेश चुडासमा और उनके पिता नारनभाई के खिलाफ 15 की शाम को मामला दर्ज किया गया। चग से थे पारिवारिक संबंधबीजेपी सांसद राजेश चुडासमा और डॉ अतुल चग के परिवार के बीच पारिवारिक संबंध थे। डॉक्टर की आत्महत्या के जब सुसाइड नोट में सांसद का नाम आया तो सांसद ने लंबे समय तक कोई प्रतिक्रिश नहीं दी थी। पुलिस ने भी सत्ताधारी पार्टी से सांसद होने के चलते कोई कार्रवाई नहीं करते हुए शिकायत पर कार्यवाही नहीं की थी। डॉक्टर की आत्महत्या के बाद आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के सांसद परिमल नाथवाणी ने निष्पक्ष जांच की मांग की थी। उन्होंने इस संबंध में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से अपील भी की थी, लेकिन तब पुलिस ने कोई जांच नहीं थी। पीड़ित परिवार को कोर्ट में गुहार लगानी पड़ी थी। हाई कोर्ट ने तब गिर सोमनाथ और जूनागढ़ रेंज के पुलिस अधिकारियों से जवाब तलब भी किया था, हालांकि तब भी पुलिस ने एफआईआर नहीं की थी। बाद में परिवार ने इन पुलिसकर्मियों को खिलाफ कोर्ट का अवमानना का केस दाखिल करने को कहा था। जिस कोर्ट ने खारिज कर दिया था। पुलिस ने अब तीन महीने बाद एफआईआर दर्ज की है। (इनपुट: भाषा)